India News (इंडिया न्यूज), National Voters Day 2024: हर साल पूरे देशभर 25 जनवरी के राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। मतपत्र गोली से अधिक मजबूत मानी जाती है, क्योंकि गणतंत्र का भविष्य मतदाताओं के हाथों में ही होता है। भारतीय मतदाताओं के मूल अधिकार संविधान में निहित हैं, जो कि उन जिम्मेदारियों को भी गिनाते हैं। जिन पर मतदाताओं को पहले विचार करने की आवश्यकता है। मतदान हमारी नागरिक ज़िम्मेदारी है और यह उन मूलभूत उपकरणों में से एक माना जाता है जिसके माध्यम से हमारे राष्ट्र ने हमारे पूरे इतिहास में हमारे अविभाज्य अधिकारों की गारंटी दी हुई है।

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देश के मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भारत में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस साल यह इसका 14वां संस्करण मनाया जा रहा है।

क्या है इतिहास और महत्व?

युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा भाग लेने के लिए पहला राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी, 2011 को मनाया गया था। जहां तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कानून मंत्रालय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस समय पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने बताया था कि 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले नए मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने में कम रुचि दिखा रहे हैं। जिसकी वजह से चुनाव आयोग ने भारत भर के सभी मतदान केंद्रों पर प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले सभी पात्र मतदाताओं की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रयास शुरू करने का निर्णय लिया। ऐसे मतदाताओं का नामांकन किया जाएगा और उन्हें हर साल 25 जनवरी को चुनावी फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) दिया जाएगा।

क्या है 2024 का थीम?

राष्ट्रीय तदाता दिवस 2024 की थीम ‘वोटिंग जैसा कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से वोट करता हूं’ पिछले साल की थीम की निरंतरता है। भारत के चुनाव आयोग के द्वारा इस वर्ष नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि होंगी और केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री मतदाता दिवस (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल सम्मानित अतिथि के रूप में इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।

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