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Navjot Kaur Sidhu Suspended from Congress: पंजाब की राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक उथल-पुथल हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी और पूर्व मंत्री नवजोत कौर को सस्पेंड कर दिया है. कांग्रेस पार्टी ने पिछले दो दिनों में दिए गए बयानों के कारण नवजोत कौर सिद्धू को सस्पेंड किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कार्रवाई पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर राजा वारिंग ने की है. चालिए विस्तार से जानें पूरा मामला क्या है.
क्या है पूरा मामला?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नवजोत सिद्धू लंबे समय से राजनीति से दूर हैं. नवजोत कौर ने कहा था कि वह तभी राजनीति में लौटेंगे जब ऐसी कोई मांग नहीं होगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह ठीक हैं. उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि कांग्रेस पार्टी में वही लोग मुख्यमंत्री बनते हैं जो 500 करोड़ रुपये का सूटकेस देते हैं. इस दावे से राजनीतिक माहौल गरमा गया था. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने नवजोत कौर सिद्धू के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दीडी. के ने कहा कि उन्हें मानसिक अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए. गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू, नवजोत कौर सिद्धू के पति, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं.
वारिंग द्वारा लेटर में क्या है लिखा?
वारिंग ने एक लेटर भी जारी किया है जिसमें कहा गया है कि नवजोत कौर सिद्धू को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से सस्पेंड कर दिया गया है. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा था कि उनके पति तभी राजनीति में लौटेंगे जब मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा हो जाएगी और इस पद के लिए 500 करोड़ रुपये की कोई मांग नहीं होगी. इस बयान ने पूरी कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाल दिया था. आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेर लिया था.
— Amarinder Singh Raja Warring (@RajaBrar_INC) December 8, 2025
कब होगा पंजाब में विधानसभा चुनाव?
बता दें कि, नवजोत सिंह सिद्धू ने 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए प्रचार नहीं किया था. नवजोत कौर को कांग्रेस से निकाले जाने के बाद, ऐसी संभावना है कि सिद्धू भी कांग्रेस छोड़ सकते हैं. पंजाब विधानसभा चुनाव 2027 की शुरुआत में होने हैं. फिलहाल, राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार है. भगवंत मान राज्य के मुख्यमंत्री हैं. 2022 के चुनावों में, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 117 में से 92 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस पार्टी को 18 सीटें मिली थीं. शिरोमणि अकाली दल सिर्फ 3 सीटें जीत पाई थी. इसके उलट, 2017 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने 77 सीटें जीतीं और AAP ने 20 सीटें जीतीं, जबकि अकाली दल सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गया था.