India News (इंडिया न्यूज़), Navjot Sidhu: राज्यसभा चुनाव में हुए क्रॉस वोटिंग पर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आज सुबह, 28 फरवरी को पार्टी के छह क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर जोरदार हमला बोला। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा लोग सीबीआई, ईडी जैसी एजेंसियों के इशारों पर नाच रहे हैं।

बता दें, 27 फरवरी को हिमचाल प्रदेश के छह विधायकों ने राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग की जिससे कांग्रेस को उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। इसी बीज राज्य में सरकार के गिरने का भी खतरा मंड़रा रहा है। बीजेपी, सुक्खू सरकार के खिलाफ बहुत जल्द अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। हिमाचल में 68 सदस्यीय विधानसभा है जिसमें 40 मेंबर कांग्रेस के और 25 मेंबर बीजेपी के हैं वहीं 3 निर्दलीय मेंबर भी शामिल हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू ने क्या कहा

पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा- लोग सीबीआई, ईडी जैसी एजेंसियों के इशारों पर नाच रहे हैं। कांग्रेस को ऐसे नेताओं से छुटकारा मिल गया है जो सामूहिक भलाई के बजाय व्यक्तिगत हित को प्राथमिकता देते हैं। क्योंकि उनके कार्यों से पार्टी के अस्तित्व पर गहरा घाव होता है। घाव ठीक हो सकते हैं लेकिन मानसिक घाव बने रहेंगे, उनका लाभ ही कांग्रेस कार्यकर्ता का सबसे बड़ा दर्द है।

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सुक्खू सरकार पर संकट के बादल:

मंगलवार को पूरे दिन यह कयास लगता रहा कि कांग्रेस विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग की गई है। शाम होते होते तस्वीर बिल्कुल साफ हो गई जब बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की। इसके बाद सीएम सुक्खू ने मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनके छह विधायकों को हरियाणा ले जाया गया है। बीजेपी ने भी दावा किया कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार विश्वास खो चुकी है। जिसके बाद से हिमाचल राजनीतिक का सस्पेंस बना हुआ है। सुबह होती ही कांग्रेस के कैबिनेट मिनिस्टर विक्रमादित्य के भी इस्तीफे की खबर आ गई।

बीजेपी खरीद-फरोख्त पर निर्भर – सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने भी बीजेपी पर हमला बोला उन्होंने एक्स पर लिखा- हिमाचल की जनता ने अपने इसी अधिकार का इस्तेमाल किया और स्पष्ट बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनाई। लेकिन भाजपा धनबल, एजेंसियों की ताकत और केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग करके हिमाचल वासियों के इस अधिकार को कुचलना चाहती है। इस मक़सद के लिए जिस तरह भाजपा सरकारी सुरक्षा और मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है, वह देश के इतिहास में अभूतपूर्व है। 25 विधायकों वाली पार्टी यदि 43 विधायकों के बहुमत को चुनौती दे रही है, तो इसका मतलब साफ है कि वो प्रतिनिधियों के खरीद-फरोख्त पर निर्भर है।

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