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Delhi AIIMS: इस अस्पताल में छात्रों और डॉक्टर्स को रहने में संकट, सैकड़ों कमरों का हॉस्टल बनाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा केन्द्र

BY: Rajesh kumar • LAST UPDATED : February 19, 2024, 2:54 am IST
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Delhi AIIMS: इस अस्पताल में छात्रों और डॉक्टर्स को रहने में संकट, सैकड़ों कमरों का हॉस्टल बनाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा केन्द्र

एम्स में 2500 कमरों का हॉस्टल बनाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजने की तैयारी।

India News (इंडिया न्यूज),Delhi AIIMS: देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान एम्स को मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए हॉस्टल की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से करीब दो-तिहाई छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल पाती है। वे एम्स परिसर से दूर किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं। इसलिए एम्स प्रशासन करीब ढाई हजार कमरों का हॉस्टल ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी कर रहा है। जिससे छात्रावास की समस्या का पूर्ण समाधान हो सके।

वर्तमान में 2400 छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा

एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संस्थान को मेडिकल, नर्सिंग स्नातक, पैरामेडिकल, मेडिकल स्नातकोत्तर और सुपर स्पेशियलिटी के रेजिडेंट डॉक्टरों सहित लगभग साढ़े सात हजार छात्रों के लिए छात्रावास की आवश्यकता है। जबकि वर्तमान में केवल 2400 छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है।

इस तरह सिर्फ एक तिहाई छात्रों को ही हॉस्टल की सुविधा मिल पाती है। हॉस्टल में कमरों के आवंटन में एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है। तो सभी एमबीबीएस छात्रों और सभी नर्सिंग छात्रों को एक कमरा मिलता है।

इन छात्रों को होती है हॉस्टल की कमी

पैरामेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों को हॉस्टल की कमी का सामना करना पड़ता है। हॉस्टल सुविधाओं की कमी को देखते हुए एम्स के मास्टर प्लान के तहत दो चरणों में 5515 कमरों का हॉस्टल ब्लॉक बनाने की योजना है। मास्टर प्लान के भारी-भरकम प्रस्तावित बजट के कारण यह योजना फिलहाल अधर में लटकी हुई है।

ऐसे में हॉस्टल की कमी की समस्या को दूर करने के लिए एम्स ने निजी हॉस्टलों को अनुबंध पर लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों को आवास उपलब्ध कराने के लिए टेंडर जारी किया था, लेकिन एम्स को केवल एक ही आवेदन मिला। इस वजह से इसे रद्द करना पड़ा।

केंद्र को प्रस्ताव भेजने की तैयारी

इसके बाद अब ढाई हजार कमरों का हॉस्टल ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी की गई है। कुछ ही दिनों में यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा। मास्टर प्लान के पहले चरण में करीब ढाई हजार कमरों का हॉस्टल ब्लॉक बनाने की योजना थी।

मास्टर प्लान से अलग कर इस योजना के निर्माण की मंजूरी केंद्र सरकार से मांगी जायेगी। रेजिडेंट डॉक्टरों को संस्थान परिसर में हॉस्टल की सुविधा नहीं मिलने से मरीजों के इलाज की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कई बार रेजिडेंट डॉक्टरों को मरीज को देखने के लिए अचानक वार्ड में जाना पड़ता है। ऐसे में अस्पताल से दूर रहने से अस्पताल पहुंचने में देरी हो जाती है।

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