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NEET-UG Controversy: क्या है NEET UG विवाद? जानें आखिर क्यों छात्र कर रहे हैं विरोध-Indianews

BY: Shubham Pathak • LAST UPDATED : June 13, 2024, 2:11 pm IST
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NEET-UG Controversy: क्या है NEET UG विवाद? जानें आखिर क्यों छात्र कर रहे हैं विरोध-Indianews

NEET-UG Controversy

India News(इंडिया न्यूज),NEET-UG Controversy: केंद्र ने गुरुवार को 23 जून को 1,563 छात्रों के लिए फिर से परीक्षा का प्रस्ताव रखा, जिन्हें इस साल राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक) में ग्रेस अंक दिए गए थे। यह तब हुआ जब नतीजों ने हंगामा मचा दिया, जिसमें उम्मीदवारों और अभिभावकों ने जांच और फिर से परीक्षा की मांग की, आरोप लगाया कि कुछ केंद्रों पर पेपर लीक हो गया था।

  • नहीं थम रहा NEET-UG रिजल्ट विवाद
  • सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया विवाद
  • छात्रों को एक बार फिर देना होगी परीक्षा

NEET-UG जिसे पहले अखिल भारतीय प्री-मेडिकल टेस्ट (AIPMT) कहा जाता था देश भर के सभी मेडिकल संस्थानों में स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों के लिए हर साल आयोजित होने वाली एकमात्र प्रवेश परीक्षा है। इसके साथ ही बता दें कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू सहित तेरह भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने का प्रभारी है, यह भूमिका पहले केंद्रीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड (CBSE) के पास थी।

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क्या है विवाद का कारण?

वहीं बात इस विवाद की शुरूआत की करें तो इस साल 5 मई को 14 अंतरराष्ट्रीय स्थानों सहित 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर 24 लाख से अधिक छात्रों ने नीट परीक्षा दी थी। परिणाम 4 जून को घोषित किया गया, जिसके तुरंत बाद उम्मीदवारों ने कई मुद्दे उठाए, जैसे कि 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने, असामान्य रूप से बड़ी संख्या में छात्रों द्वारा पूर्ण अंक प्राप्त करने और प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप।

परिणामों से पता चला कि 67 छात्रों ने कुल 720 अंक प्राप्त किए, जो पिछले वर्षों के परिणामों की तुलना में अधिक प्रतिशत है। 2023 में, केवल दो छात्रों ने पूरे अंक प्राप्त किए, जबकि 2022 में तीन, 2021 में दो और 2020 में एक छात्र ने पूरे अंक प्राप्त किए। आरोप है कि टॉपर्स में से छह हरियाणा के एक ही केंद्र पर परीक्षा में शामिल हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

वहीं इस मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह 1,563 छात्रों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करेगा, जिन्हें NEET-UG 2024 में ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। दोबारा परीक्षा 23 जून को होनी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एडमिशन काउंसलिंग प्रक्रिया को नहीं रोकने का फैसला किया है। अगर 1,563 उम्मीदवारों में से कोई भी दोबारा परीक्षा से बाहर निकलता है, तो ग्रेस मार्क्स के बिना उसके पिछले अंकों का इस्तेमाल नतीजों के लिए किया जाएगा। दोबारा परीक्षा के नतीजे 30 जून को घोषित किए जाएंगे और केंद्र ने घोषणा की है कि एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होगी।

याचिकाकर्ताओं के सवाल

मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और अनुग्रह अंक देने में कथित विसंगतियों के कारण दोबारा परीक्षा आयोजित करने की मांग करते हुए तीन याचिकाएं दायर की गई थीं। न्यायाधीश विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई की। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं में से एक, फिजिक्स वल्लाह के सीईओ अलख पांडे ने तर्क दिया कि अनुग्रह अंक देने का एनटीए का निर्णय “मनमाना” था। बताया जाता है कि उन्होंने लगभग 20,000 छात्रों से फीडबैक एकत्र किया था, जो दर्शाता है कि कम से कम 1,500 छात्रों को लगभग 70-80 अंक मनमाने ढंग से अनुग्रह अंक के रूप में दिए गए थे।

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दूसरी याचिका स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन (SIO) के सदस्य अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन द्वारा दायर की गई थी, जिसमें NEET की दोबारा परीक्षा का अनुरोध किया गया था। उन्होंने भी आरोप लगाया कि अनुग्रह अंक देना मनमाना था, उन्होंने कहा कि 720 में से 718 और 719 अंक (कई छात्रों द्वारा प्राप्त) “सांख्यिकीय रूप से असंभव” थे।

तीसरी याचिका NEET उम्मीदवार जरीपिति कार्तिक ने दायर की थी, जिसमें परीक्षा के दौरान कथित रूप से खोए समय के मुआवजे के रूप में अनुग्रह अंक दिए जाने को चुनौती दी गई थी। उन्होंने तर्क दिया कि अनुग्रह अंक देने का “सामान्यीकरण सूत्र” सबसे अनुचित था।

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