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India News (इंडिया न्यूज़),Nehru Memorial Museum and Library: नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने पर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि नाम बदलना अब रोजमर्रा की बात हो गई है। मेरी राय में राजनीति में बदलाव के हिसाब से नाम नहीं बदलने चाहिए। देश में कुछ नई चीज बनती है तो उसको नाम दें। मुझे नहीं लगता कि संस्थानों के नाम बदलने को लेकर लोगों में कोई सराहना है।
#WATCH नाम बदलना अब रोजमर्रा की बात हो गई है। मेरी राय में राजनीति में बदलाव के हिसाब से नाम नहीं बदलने चाहिए। देश में कुछ नई चीज बनती है तो उसको नाम दें। मुझे नहीं लगता कि संस्थानों के नाम बदलने को लेकर लोगों में कोई सराहना है: नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर… pic.twitter.com/SER0MDvMUR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2023
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा,”यह और कुछ नहीं बल्कि कुंठित मानसिकता है। पं. जवाहरलाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री थे। उनके नाम पर एक संस्था का नाम रखा गया और उनके कार्यकाल को प्रतिबिंबित करने के लिए एक संग्रहालय बनाया गया…यदि आपको (केंद्र) अन्य प्रधानमंत्रियों पर एक संस्था बनानी थी, तो आप ऐसा कर सकते थे। लेकिन अगर आप किसी चीज को दबाते हैं या हटाते हैं तो इसका मतलब है कि आपका मकसद कभी प्रदर्शन नहीं बल्कि भारत के स्वर्णिम इतिहास को दबाने का प्रयास था।”
उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा,”उनके पास और क्या बचा है? आप इमारत का नाम बदल सकते हैं लेकिन आप इतिहास में वर्णित पंडित नेहरू का नाम नहीं बदल सकते। आप महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सावरकर जी द्वारा बनाए गए इतिहास को नहीं बदल सकते। आप उनके जैसा इतिहास नहीं बना सकते इसलिए आप नाम बदल रहे हैं।”
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