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नई दिल्ली। स्वाधीनता सेनानी सुभाष चंद्र(Subhash Chandra Bose) बोस का आज 126 वां जयंती पराक्रम दिवस के रूप में देशभर में मनाया जा रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का अनावरण किया गया। इसके साथ पीएम ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण किया गया। पीएम ने कहा है कि 21 बड़े द्वीपों को हमारे परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़ा जा रहा है। यह पहल सेनाओं के सम्मान के लिए किया गया है। उनकी स्मृति को जब तक यह पृथ्वी रहेगी तब तक चिरंजीव करने का प्रयास सेना का उत्साह बढ़ाएगा।
पीएम ने इस दौरान देश के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्वाधीनता संग्राम में दिए गए योगदानों को याद कर कहा कि नेताजी को औपनिवेशिक शासन के उग्र प्रतिरोध और उनके अद्वितीय योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। हमलोग उनकी द्वारा की गई भारत को कल्पना के विजन को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने नेताजी के सम्मान में उनके जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में याद करने का फैसला किया। बता दें इससे पहले पीएम के द्वारा दिल्ली स्थित इंडिया गेट के समीप नेताजी के स्टैचू का अनावरण किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज यानी सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर तिरंगा फहराएंगे। शाह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दो दिवसीय दौरे पर रविवार देर रात पोर्ट ब्लेयर पहुंचे हैं। बताया जाता है कि नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को यहां जिमखाना मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और शाह आज उसी स्थान पर झंडा फहराएंगे। ज्ञात हो कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर जापान का कब्जा था और इसे औपचारिक रूप से 29 दिसंबर 1943 को नेताजी की आज़ाद हिंद सरकार को सौंप दिया गया था।
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