संबंधित खबरें
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
India News (इंडिया न्यूज), New Criminal Laws: पश्चिम बंगाल सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में मंगलवार को अधिसूचना जारी की गई। पैनल अधिसूचना की तारीख से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। दरअसल, गृह विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार उक्त आपराधिक कानूनों, यानी भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (बीएसए) की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन करने में प्रसन्न है।
बता दें कि, राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संशोधित सीआरपीसी, आईपीसी और साक्ष्य अधिनियम की समीक्षा करने के लिए समिति के उद्देश्यों पर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आह्वान किया। उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया। इसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल एक राज्य के भीतर एक राज्य नहीं रह सकता है या इसे केले के गणराज्य में नहीं बदला जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशीम कुमार रॉय की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार की समिति में राज्य के कानून मंत्री मलय घटक और वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी शामिल हैं।
West Bengal government constituted a special 7-member committee to scrutinize three laws, including the Bhartiya Nayay Sanhita, before implementing them in the state. Asim Kumar Roy, Malay Ghatak, Chandrima Bhattacharya, LD Advocate General Kishore Dutta, Sanjay Basu, West… pic.twitter.com/mBAjO7Dj3I
— ANI (@ANI) July 17, 2024
बता दें कि, अधिसूचना में कहा गया है कि इस समिति के पास विषय वस्तु पर उनके विचार जानने के लिए अकादमिक विशेषज्ञों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, शोध सहायकों और अन्य कानूनी विशेषज्ञों को शामिल करने का अधिकार होगा। इसके पास सार्वजनिक परामर्श करने का भी अधिकार होगा। सीएम मामता बनर्जी ने 21 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को स्थगित करने का आग्रह किया था। उन्होंने नए कानूनों पर संसद में आगे चर्चा की भी मांग की थी।
Video: दिल्ली एयरपोर्ट पर बुजुर्ग को पड़ा दिल का दौरा, महिला डॉक्टर ने सीपीआर देकर बचाई जान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.