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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (New Labor Code)। नए लेबर कोड के लागू होने पर सभी संस्थानों के लिए सिंगल पोर्टल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पोर्टल के जरिये पंजीयन, लाइसेंसिंग और संस्थानों में होने वाले निरीक्षण कार्य असानी से हो सकेंगे। इसका उद्देश्य लाइसेंसिंग में कोई दोहराव नहीं हो और एक ही लाइसेंस से पूरे देश भर में काम चलाया जा सके। इन सभी कार्य को आसान बनाने के लिए श्रम मंत्रालय श्रम सुविधा पोर्टल 2.0 विकसित कर रहा है।
श्रम समवर्ती सूची में शामिल है। इसलिए सभी राज्य अपना लेबर कोड जारी कर अपना पोर्टल भी विकसित कर सकते हैं। लेकिन लेबर कोड को आसानी से लागू करने और पंजीयन से लेकर लाइसेंसिंग तक के दोहराव को रोकने के लिए राज्य के पोर्टल केंद्र के श्रम सुविधा पोर्टल से जुड़े होंगे। हाल ही में सभी राज्यों के श्रम मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्र के श्रम पोर्टल और राज्यों के पोर्टल को एक करने पर विचार विमर्श किया गया।
नए लेबर कोड को शीघ्र ही लागू किया जाएगा लेकिन इससे पहले श्रम सुविधा पोर्टल को विकसित करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। लेबर कोड के लागू होने पर श्रम सुविधा पोर्टल पर सभी संस्थानों को अपना पंजीयन कराना जरूरी होगा। पंजीयन के बाद संस्थानों को यूनिक लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर (लीन) दिया जाएगा। अगर कोई संस्थान वर्तमान श्रम कानून के तहत पंजीकृत है तो उसे पोर्टल पर अपने पंजीयन की विस्तृत जानकारी देनी होगी। सभी संस्थानों को इलेक्ट्रॉनिक पंजीयन सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। पोर्टल पर पंजीयन के संशोधन व उसे रद्द करने की भी सुविधा होगी।
नए लेबर कोड के लागू होने के बाद सभी संस्थानों को रिटर्न फाइल जमा करना होगा और वे श्रम सुविधा पोर्टल पर रिटर्न फाइल करेंगे। श्रम सुविधा पोर्टल से एक ही जगह से देश भर के लिए लाइसेंस लिए जा सकेंगे। काम की सुरक्षा और स्वास्थ्य कोड के तहत ठेके पर काम करने वाले श्रमिकों की सप्लाई के लिए ठेकेदार को लाइसेंस लेना पड़ता है। श्रम सुविधा पोर्टल से ठेकेदार को देश भर के लिए लाइसेंस जारी हो सकता है, लेकिन इस काम में राज्यों की सहमति लेनी होगी।
कई खास कामों में श्रमिकों की आपूर्ति के लिए विशेष लाइसेंस की जरूरत होती है जो राज्य सरकार ही जारी करेंगी। श्रम सुविधा पोर्टल 2.0 की मदद से इंस्पेक्टर किसी भी संस्थान के दस्तावेज को आॅनलाइन देख सकेगा और संस्थान को असानी से नोटिस भी जारी कर सकेगा।
लेकिन निरीक्षण के लिए इंस्पेक्टर को यूनिक नंबर दिए जाएंगे। जैसे इंस्पेक्टर को यूनिक नंबर दिए जाएंगे वैसे ही संस्थानों को भी यूनिक नंबर वितरित किए जाएंगे और उस नंबर के आधार पर निरीक्षण किया जाएगा। यह सारा काम आॅनलाइन होगा और इंस्पेक्टर को अपनी निरीक्षण रिपोर्ट भी आॅनलाइन देनी होगी। जिसे श्रम मंत्रालय असानी से देख सकें।
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