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इंडिया न्यूज, पटना, (New Voice Of Opposition In The Country) : देश में विपक्ष की नई आवाज नीतीश कुमार बन सकते है। अगले माह के प्रथम सप्ताह में होने वाली जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह तस्वीर साफ हो जाएगी। गौरतलब है कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक पटना में होगी लेकिन मुद्दा देश का होगा। नीतीश कुमार नए अंदाज में विपक्ष को एकजुट करने के लिए पहल करेंगे। इसके लिए उनका दल उन्हें अधिकृत करेगा।
बैठक में यह बात सीधे-सीधे सामने आएगी कि केंद्र में जो दल सत्ता में है वह यह नहीं समझे कि विपक्ष खत्म हो गया है। इसलिए नीतीश कुमार का नाम पीएम मैटेरियल के रूप में एक बार फिर उछाला जा रहा है। पार्टी इस पर अपना क्या मंशा रखती है यह बात बैठक में सभी के सामने आएगी। जदयू की ओर से अभी स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा गया है कि नीतीश कुमार विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री के दावेदार हो सकते हैं पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यदि विपक्ष नीतीश कुमार को इस पद के लिए स्वीकारेगा तो इसमें जदयू का एतराज नहीं होगा।
वहीं दूसरी ओर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार तो प्रधानमंत्री मैटेरियल हैं ही पर विपक्ष की एकजुटता के लिए वह अपनी ओर से उनके नाम को प्रस्तावित नहीं करेंगे। इन बयानों के बीच सबसे महत्वपूर्ण बयान राजद नेता व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का आया। उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार को योग्य कहा है। राजनीतिक गलियारे में चल रही इस राष्ट्रीय चर्चा पर जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विमर्श होना तय है। आगे की राय क्या होगी? यह बैठक के बाद ही कही जा सकती है।
राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की बात नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं। इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उन्हें इस काम के लिए अधिकृत किया जाएगा। भाजपा के अश्वमेध रथ को रोकने के लिए बस चालीस सीट किस तरह कम की जाएं इस फामूर्ले पर बैठक मेें मंथन की जाएगी। हालांकि इसे लेकर जदयू के दिग्गजों ने अपनी अपनी राय रखी है।
केवल बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से ही इतनी सीटें कम हो जाएंगी इस बात को केंद्र में रखने की तरूरत है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस मामले पर विचार विमर्श करना अत्यंत जरूरी है। एनडीए में रहते हुए भी जदयू महंगाई पर केंद्र सरकार को घेरते हुए यह बात स्पष्ट रूप से कह चुकी है कि यह जनता से जुड़ा हुआ मुद्दा हैं। इसलिए विपक्ष के रूप में जदयू इस पर राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रहेगा।
बैठक में क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाने की भी बात होगी। यह कार्य भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा पटना में दिए गए बयान के बाद करना नितांत जरूरी हो गया है। गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पटना में यह बयान दिया था कि आने वाले समय में सभी क्षेत्रीय दल खत्म हो जाएंगे।
जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यह बात भी नीतीश कुमार स्वयं उठाएंगे और पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह बताएंगे कि आखिरकार उन्होंने क्यो भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से जदयू को अलग किए जाने का फैसला किया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी फैसले के बाद अगली रणनीति बनाई जाएगी।
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