मुंबई के व्यस्त पश्चिम रेलवे कॉरिडोर पर बोरीवली-कांदिवली खंड में 30 दिनों का ब्लॉक लगा दिया गया है, जो 20/21 दिसंबर 2025 की रात से शुरू होकर 18 जनवरी 2026 तक चलेगा. यह छठी रेल लाइन के निर्माण से जुड़े बड़े पैमाने के कार्यों के लिए लिया गया है, जिसमें ट्रैक स्ल्यूइंग, क्रॉसओवर लगाना-हटाना, इंजीनियरिंग, सिग्नलिंग और ओवरहेड उपकरणों का काम शामिल है.
इस रास्ते पर एक महीने के लिए यातायात अवरुद्ध करने के कारण प्रतिदिन 70-80 लोकल ट्रेनें रद्द हो सकती हैं, जबकि 100 से अधिक आउटस्टेशन ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने की संभावना है.
ब्लॉक का कारण और समय
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह जटिल कार्य रात के समय ही संभव है, इसलिए हर रात 11 बजे से सुबह 4:30 बजे तक ये रेलवे ट्रैक ब्लॉक रहेगा. पहला चरण 20/21 दिसंबर से 25/26 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें पीक आवर्स से बचने के लिए रात्रि संचालन सीमित किया गया है. पांचवीं लाइन पर यात्री ट्रेनें नहीं चलेंगी, जिससे ट्रेनें अन्य ट्रैक पर डायवर्ट होंगी और दिन में भी ट्रेन के आने के समय में देरी या कैंसिल होने का असर पड़ सकता है.
ट्रेन सेवाओं पर प्रभाव
मुंबई जहां लोकल ट्रेनें लाइफलाइन के समान हैं, वहां ट्रैक के ब्लॉक होने पर सार्वजनिक यातायात पर असर पड़ेगा. प्रति दिन 80 से अधिक लोकल ट्रेनें रद्द होंगी, जबकि कई शॉर्ट-टर्मिनेट, शॉर्ट-ओरिजिनेट, रीशेड्यूल या डायवर्ट होंगी. 22 से 25 दिसंबर तक 94 लोकल ट्रेनें (ऊपर-नीचे दिशा में बराबर) प्रभावित होंगी, और 26 दिसंबर को 87 डेलाइट ट्रेनें रद्द होंगी. कुछ ट्रेनें बोरीवली स्टेशन पर रुकेंगी भी नहीं, जो पीक आवर्स में परेशानी बढ़ाएगा. इस दौरान मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें भी प्रभावित होंगी.
यात्रियों के लिए सलाह
यात्रियों को अपनी यात्रा पहले से प्लान करनी चाहिए, स्टेशन घोषणाओं पर ध्यान देना चाहिए और रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप पर अपडेटेड टाइमटेबल चेक करना चाहिए. नए साल पर यात्री बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए रेलवे असुविधा कम करने की कोशिश कर रहा है. यह परियोजना मुंबई की भीड़भाड़ वाली रेल सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों को अलग कर देरी कम करेगी.
मुंबई के पश्चिम रेलवे पर यह ब्लॉक छठी लाइन परियोजना का हिस्सा है, जो बोरीवली-कांदिवली के बीच क्षमता बढ़ाने और भीड़ कम करने के लिए जरूरी है. इससे लोकल और लॉन्ग-डिस्टेंस ट्रेनें अलग हो सकेंगी, देरी घटेगी. यात्रियों को वैकल्पिक परिवहन जैसे बेस्ट बसें या मेट्रो का सहारा लेना चाहिए. रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जहां अपडेट मिलेंगे. नए साल पर विशेष ट्रेनें चलाने की योजना भी है, लेकिन पीक टाइम में सावधानी बरतें. सुरक्षा पहले, जल्दबाजी न करें.