India News (इंडिया न्यूज़), No Confidence Motion: संसद में आज विपक्ष के द्वारा सरकार के खेिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिसे लोकसभा के सभापति ओम बिरला ने एक्सेप्ट कर किया। अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे का कारण बतते हुए विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव नहीं बल्कि I.N.D.I.A के घटक दलों द्वारा सामूहिक तौर पर लाया गया है। पिछले 83-84 दिनों से मणिपुर में जो स्थिति बनी हुई है उस पर क़ानून-व्यवस्था चरमरा गई है, समुदाय के बीच विभाजन हो गया है। वहां सरकार नाम की चीज़ नहीं रह गई है। इन तथ्यों ने हमें अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर किया है।
उन्होंने आगे कहा, “I.N.D.I.A के घटक दलों की सामूहिक मांग है कि सभी काम को एक तरफ रखते हुए कल ही इस प्रस्ताव के ऊपर, प्राथमिकता रखते हुए पर इस चर्चा होनी चाहिए।”
वहीं सदन में विपक्ष की संख्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि सवाल संख्या का नहीं बल्कि नैतिकता का है। बुनियादी सवाल यह है कि जवाबदारी किस की है। सदन में जब इस पर मतदान होगा तब नैतिकता की कसौटी पर कौन कहां खड़ा है। सवाल राष्ट्र की सुरक्षा का है।
अविश्वास के बहाने मणिपुर मामले में घिरने की कोशिश
गौरतलब है कि लोकसभा में इस वक्त NDA के पास 331 संसद मौजूद हैं। वहींं विपक्ष को अविश्वास साबित करने के लिए 272 संसदों के वोट की जरुरत होगी। विपक्ष के पास इस वक्त 144 से भी कम संसद मौजूद हैं। विपक्षी दलों का दावा है कि अविश्वास प्रस्ताव के बहाने विपक्ष प्रधानमंत्री को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर धेरने की कोशिश करेंगी।
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