India News (इंडिया न्यूज़),Sanjeev Mahajan,Noorpur News: हिमाचल प्रदेश के नूरपूर ब्लाक की पंचायत बदूही की रहने वाली नेहा उर्फ अंकू ने सीएसआईआर, यूजीसी नेट, जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण करके आल इंडिया में 197 रैंक हासिल किया है हालांकि इस मुकाम को हासिल करने में यह दो बार रह चुकी थी पर इसने हार नहीं मानी और घर बैठ कर आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से जानकारी हासिल करके रात-दिन एक करके पढ़ाई की और परीक्षा पास करके दिखाई।
इस कामयाबी को देख इसके शुरुआती स्कूल ने यह निर्णय लिया है कि हम इस बेटी विधार्थी का फोटो अपने स्कूल में लगाएंगे जो दूसरों बच्चों के लिए प्ररेणा का स्रोत बन सके। तथा इसकी कामयाबी की खबर जैसे गांव पंचायत में पता चली तो लोगों में खुशी की लहर छा गई और इनके घर रिश्तेदार सगे-संबंधियों का बधाई देने आने का सिलसिला शुरू हो गया। नेहा के छोटे चाचा संजू ने इस खुशी में केक तथा हार डाल, दावत देकर खुशी मनाई।
नेहा (अंकू) ने कहा कि मैं तीसरी कक्षा से लेकर दसवीं तक ऐंजल माडल पब्लिक स्कूल खन्नी में पढ़ी हूं, उसके बाद प्लस वन-प्लस टू जसूर सरकारी स्कूल में तथा मैंने बैचलर बीएससी बोटनी राजकीय आर्य डिग्री कालेज नूरपूर से की उसके बाद मैंने मास्टर डिग्री बोटनी मे एचएमबी कालेज जालंधर से की है। अभी मैंने सीएसआईआर, यूजीसी नेट ,जेआरएफ की परीक्षा पास की है जिसमें मेरा ऑल इंडिया लेवल 197 रैंक आया है इस मुकाम को हासिल करने में बहुत सी मुश्किलें आती हैं, जैसे कभी हिम्मत हार जाती थी, मेरा कभी समय पर सेलेब्स नहीं हो पाता था, इत्यादि बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा है मेरे परिजन साथ थे तो मुझे हिम्मत रहती थी।
मैंने इसे पास करने के लिए खुद पढ़ाई करके कोशिश की जिसमें मैंने अपने कुछ अध्यापकों से भी जानकारी ली मैंने नोटस बनाए और परीक्षा भी दी पर मैं उसके पास नहीं हो पाई फिर मैंने सोचा कि मुझे इसे पास करना है तो मुझे पास होने के लिए इसके बारे में जानकारी लेना जरूरी है तो मैंने आनलाइन प्लेटफार्म को ज्वाइन किया यह मेरी तीसरी कोशिश थी दो बार में रह चुकी थी मैं दूसरे युवाओं को संदेश देना चाहती हूं कि इस मुकाम को हासिल करने में स्वयं पर भरोसा तथा रेगुलर पढ़ाई करना जरुरी है मै अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता,अपने परिवार व अपने अध्यापकों को देना चाहती हू।
नेहा के पिता सतीश कुमार ने कहा कि मेरी बेटी ने कड़ा परिश्रम करके यह मुकाम हासिल किया है। हालांकि यह दो बार इसे पास नहीं कर पाई थी पर मेरी बेटी ने कहा कि इस बार मैं इसे पास करके ही दिखाऊंगी और उसने कर दिखाया है। हमें बहुत अच्छा लग रहा है, इसके साथ ही मैं दूसरे बच्चों को भी यह कहूंगा की पहले मैं बच्चों के माता-पिता को कहना चाहता हूं कि उन्हें देखना चाहिए कि उनका बच्चा क्या करना चाहता है और माता पिता को भी चाहिए कि उन्होंने अच्छी जगह पढ़ाई करवाने और बच्चों को भी चाहिए कि वो मेहनत और लग्न से पढ़ाई करें और अच्छा मुकाम हासिल करके दिखाए।
नेहा की माता पिंटू ने कहा कि हमें बहुत अच्छा लग रहा है कि हमारी बेटी ने ऑल इंडिया में 197 रैंक हासिल किया है मेरी बेटी दिन में आठ घंटे पढा करती थी चार घंटे सोती थी दिन-रात कमरे में बैठ कर पढ़ाई करती रहती थी उसे बाहर क्या हो रहा है उसका भी पता नहीं रहता था मैं दूसरे बच्चों को भी कहना चाहती हूं कि जिस तरह मेरी बेटी ने कड़ी मेहनत करके यह मुकाम हासिल किया है आप भी इसी तरह मेहनत करके सफ़लता हासिल करें।
नेहा के मामा केवल कृष्ण ने कहा कि मैं जब अपनी बहन के घर आता था तो मैं देखता था कि नेहा पढ़ाई ही करती रहती थी रात देर रात तक। तब मैं मजाक में कहता था कि यह लड़की या तो पागल हो जाएगी या प्रोफेसर बनेगी। तो अब इसने जो टेस्ट पास किया है तो प्रोफेसर बने या अपनी काबिलियत के हिसाब ओर कुछ बनेगी हमें बहुत खुशी है।
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