India News (इंडिया न्यूज़), RBI DIGITA: आधुनकि युग में लोगों के साथ बड़ी आसानी के साथ फ्रॉड हो जाता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अब ऑनलाइन फ्रॉड पर रोकथाम के लिए डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी की स्थापना करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। देश में बढ़ते कर्ज देने वाले अवैध एप पर डिजिटा रोकथाम करेगी। इससे फर्जी एप की धरपकड़ और डिजिटल फ्रॉड पर रोकथाम भी आसान हो जाएगी। साथ ही गूगल प्ले स्टोर पर भी ऐसे एप नहीं दिखेंगे जो धोखाधड़ी करने में मदद करते हैं। दरअसल, फाइनेंशियल क्राइम पर रोकथाम के लिए ‘डिजिटा’ को लाया जा रहा है।
क्या है आरबीआई की ‘डिजिटा’
बता दें कि, ‘डिजिटा’ डिजिटल वर्ल्ड में अवैध एप की जांच पड़ताल करेगा। वित्तीय जगत में जिन एप के पास ‘डिजिटा’ का वेरिफिकेशन नहीं होगा। उन्हें अब अवैध माना जाएगा। यदि कंपनियों को फाइनेंशियल सेक्टर में काम करना है तो उन्हें ‘डिजिटा’ से अपने एप की जांच करवाने होगी। डिजिटा एप की जांच करने के बाद आरबीआई को रिपोर्ट देगी। साथ ही ‘डिजिटा’ से ग्राहकों को सही एप पहचानने में मदद मिलेगी। दरअसल, डिजिटा वेरिफिकेशन के जरिए आधुनिक दुनिया में सही और गलत एप की पहचान बहुत आसानी से हो जाएगी। साथ ही डिजिटल लोन सेक्टर में पारदर्शिता भी आएगी। पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल लोन का हिस्सा फाइनेंशियल सेक्टर में तेजी से बढ़ा है। जिसकी वजह से डिजिटल फर्जीवाड़ा भी तेजी से बढ़ा है। देश में पुलिस के पास भी इन मामलों की संख्या बढ़ी है।
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गूगल अब तक हटा चुका है 2200 एप
बता दें कि गूगल अपने प्लेस्टोर पर ‘डिजिटा’ से मंजूरी हासिल कर चुके एप को ही उपलब्ध कराएगा। आरबीआई ने आईटी मंत्रालय को 442 डिजिटल लैंडिंग एप की लिस्ट दी है। जिसपर गूगल को कार्रवाई करनी होगी। वहीं गूगल ने सितंबर, 2022 से अगस्त, 2023 तक करीब 2200 डिजिटल लैंडिंग एप को अपने प्ले स्टोर से हटाया। गूगल ने अपनी नई पॉलिसी में सिर्फ उन्हीं एप को मंजूरी देने का फैसला किया है, जो आरबीआई से मान्यता प्राप्त हैं। यह फैसला आरबीआई और वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के अनुरोध पर किया गया है।