India News (इंडिया न्यूज़),Rashid Hashmi,Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में जो हुआ उसकी क्रोनोलॉजी समझिए। तीन दिन पहले दिल्ली के नांगलोई में हंगामा हुआ। दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के वाराणसी, अमरोहा और बरेली में बवाल हुआ। एक दिन पहले राजस्थान के उदयपुर में एक धार्मिक आयोजन में बवाल कटा। ये सब कुछ यूं ही नहीं है। दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अब हरियाणा- धार्मिक आयोजन में बवाल ‘संयोग’ नहीं ‘प्रयोग’ ही हो सकता है। और अगर ये वाक़ई प्रयोग है तो फिर साज़िश का सूत्रधार कौन, इसकी तह तक जाना ज़रूरी है। नूंह में घंटों बवाल, फिर साज़िश को लेकर उठे सवाल।
हरियाणा का नूंह तीन दशक तक शांत रहा। 31 साल पहले 1991 में नूंह में दंगा हुआ था। 1991 में अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के समय नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। सोमवार के बवाल ने तीन दशक की शांति को पलीता लगा कर रख दिया है। ब्रजमंडल शोभायात्रा में शामिल होने के लिए बजरंग दल के नेताओं सहित सैकड़ो लोग कई गाड़ियों में नूंह आए थे। भिवानी, नरवासन, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल से आए लोग शामिल थे। जैसे ही उपद्रव शुरू हुआ तो शोभायात्रा में आए लोग जहां थे, वहीं घंटों फंसे रहे। घंटों की मशक़्क़त के बाद लोग सुरक्षित निकाले गए।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने नूंह को ‘मिनी पाकिस्तान’ करार दे दिया। हरनाथ ने कहा कि मेवात और नूंह का इलाका राजनीति के चलते ‘मिनी पाकिस्तान’ जैसा हो गया है। अब समझिए कि नूंह-मेवात को ‘मिनी पाकिस्तान’ क्यों कहते हैं ? नूंह जिला जिसे 2016 तक मेवात के नाम से जाना जाता था, मुस्लिम बहुल है यानि मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है। 2011 की जनगणना के मुताबिक नूंह जिले की कुल आबादी 10.89 लाख है, जिनमें से 79.2 फीसदी मुस्लिम हैं, जबकि 20.4 फीसदी हिंदू हैं। भारतीय जनता पार्टी के विधायक और राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता मदन दिलावर ने सितंबर 2021 में सदन के पटल पर कहा था कि मेवात क्षेत्र ‘मिनी पाकिस्तान’ बन गया है। मुस्लिम बहुल टैग के लिए मेवात को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहा जाता है (जिसका मैं पक्षधर नहीं हूं)। लेकिन बड़ा सवाल ये कि इस टैग को हटाने के लिए यहां की आबादी ने क्या प्रयास किए।
नूंह भारत का हिस्सा है, भारत का हिस्सा ही रहेगा। मेरा मानना है कि नूंह हिंसा मुसलमानों के लिए ही संदेश है। संदेश यह कि मेवात जैसी जगह पर, जहां आप बहुसंख्यक हैं, जहां हजारों-लाखों मुसलमान रहते हैं, वहां भी मुसलमान ख़ुद की बस्तियों में भी सुरक्षित नहीं हैं। ख़ैर मेवात में महाभारत का सूत्रधार कौन है, इसका ख़ुलासा तो जांच के बाद ही होगा। लेकिन लाख टके का सवाल ये कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले देश का माहौल ख़राब करने की कोशिश कौन कर रहा है। नूंह में बवालियों का फ़न कुचला जाना ज़रूरी है, आग भड़कने से पहले शोले शांत होने ज़रूरी हैं। 140 करोड़ का भारत कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक सूत्र में पिरोया हुआ है। प्यारा हिंदुस्तान दिल में ख़लिश आने पर कहता है- आ मिटा लें दिलों में जो दूरी आ गई है, मेरी ईद तू मना ले-तेरी दिवाली मैं मना लूं। भारत महान है, हमारा हिंदुस्तान है, सबकी एक जान है।
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