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इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली (Oath Ceremony Of New CJI): न्यायमूर्ति एनवी रमना के सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने शनिवार को भारत के 49 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति ललित को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई। वह न्यायमूर्ति एनवी रमना का स्थान लेंगे, जो 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए थे।
न्यायमूर्ति रमना ने परंपरा और वरिष्ठता के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति ललित को उनके उत्तराधिकारी के रूप में सिफारिश की थी। राष्ट्रपति ने बाद में जस्टिस ललित की नए CJI के रूप में नियुक्ति की पुष्टि की। न्यायमूर्ति ललित का भारत की न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में 74 दिनों का संक्षिप्त कार्यकाल होगा और वह 8 नवंबर को पद छोड़ देंगे।
मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने वाले जस्टिस यूयू ललित महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वह जून 1983 में बार में शामिल हुए थे। अप्रैल 2004 में वह सर्वोच्च न्यायालय के कानूनी सेवा समिति के सदस्य बने और 13 अगस्त 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए।
बता दें कि जिस समय जस्टिस यूयू ललित सीजेआई के रूप में शपथ ली तो उस समय 3 पीढ़ियां मौजूद रहीं। महाराष्ट्र के ललित के परिवार को कानून में 102 साल की विरासत है। यह भी जानकारी दे दें कि जस्टिस यूयू ललित के दादा रंगनाथ ललित भारत की आजादी से बहुत पहले सोलापुर में एक अधिवक्ता रहे हैं।
न्यायमूर्ति रमना के विदाई समारोह में कल न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि लगभग तीन महीने के अपने कार्यकाल के दौरान वह तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक मामलों की सूची को सरल, स्पष्ट और यथासंभव पारदर्शी बनाना होगा। न्यायमूर्ति ललित ने एक स्पष्ट व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी वादा किया है जहां शीर्ष अदालत की संबंधित पीठों के समक्ष किसी भी जरूरी मामले का स्वतंत्र रूप से उल्लेख किया जा सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सुप्रीम कोर्ट में साल भर में कम से कम एक संविधान पीठ काम करेगी।
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