India News(इंडिया न्यूज),Old-New Pension Scheme: देश में समय-समय पर पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से बहाल करने की मांग होती रही है। ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की उठ रही इस मांग के बीच इस बात को समझना बेहद ही जरूरी है कि पुरानी पेंशन स्कीन नई पेंशन स्कीम से कितनी अलग है। जवाब इस बात का भी जानना जरूरी है कि अगर सरकार की ओर से इसे लागू कर दिया जाता है तो सरकारी खजाने पर कितना असर पड़ेगा। आईए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकारी नौकरी से रिटायर कर्मचारियों को पेंशन का अधिकार मिलता है। इसमें पेंशन की राशि रिटायरमेंट के वक्त तक मिलने वाले मूल वेतन का 50 फीसदी होता है। ओलड पेंशन स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को एक वर्किंग एंप्लाई की तरह ही महंगाई समेत अन्य भत्ता मिलता रहता है। यानी की अगर सरकार की ओर से किसी भी तरह के भत्ते में बढ़ोतरी की जाती है तो रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
साल 2004 में न्यू पेंशन स्कीम को लागू किया गया था. नए स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए उनकी सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है .यानी सरकार द्वारा लागू की गई नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 10 फीसदी हिस्सा कटता है. इस स्कीम शेयर बाजार पर आधारित है इसलिए इसमें लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना है.
देश में सरकारी कर्मचारियों की ओर से आए दिन ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग की जाती रही है। हालांकि, मोदी सरकार इसे लागू करने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल, सरकार की दलील है कि ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया गया तो सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ा जाएगा। आरबीआई की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार ओल्ड पेंशन स्कीम को अगर लागू किया गया तो राजकोषीय संसाधनों पर दबाव बढ़ जाएगा।
यह भी पढ़ेंः- Jammu Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी, 9 पैरा कमांडो यूनिट के तीन जवान घायल
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.