India News (इंडिया न्यूज़), Omana Edadan, केरला: देश की राजधानी दिल्ली में पहले श्रद्धा हत्याकांड और फिर साक्षी हत्याकांड ने सनकी आशिकों पर एक बहस को जन्म दिया है पर यह बीमारी आज ही नही है। अपने आशिक को टुकड़ों में काटने का एक बहुत चर्चित केस केरल में हुआ था। साल 2017 के अक्टूबर महीने की बात है मलेशिया में भारतीय उच्चायोग द्वारा एक नोटिस जारी किया जिसमें एक अज्ञात भारतीय महिला की तस्वीर छापी गई थी, संदेह था की यह डॉ. ओमाना एडदान हो सकती है।
- 1996 में हुई थी हत्या
- आज तक नहीं मिली ओमाना
- भारत और मलेशिया दोनों पुलिस ने खोजा
ओमाना एडदान को साल 1996 के दौरान भारतीय अखबारों के मुख्यपेज पर जगह दी गई थी। आखिर ओमाना एडदान क्यों दो देशों में चर्चा का विषय बनी थीआइए जानते है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ
ओमाना एडदान केरल के कन्नूर जिलें की रहने वाली थी, बचपन से पढ़ने में काफी होशियार। बड़े होकर वह नेत्र रोग विशेषज्ञ बनी। उनकी शादी बच्चों के एक डॉक्टर राधाकृष्णन से हुई। दोनों ने एक क्लिनिक खोला। थोड़े पैसे आए तो दोनों ने घर की मरम्मत कराने का सोचा। इस काम के लिए लिए पी.मुरलीधरन नाम के ठेकेदार का बुलाया था।
दोनों को हुआ प्यार
जिस ठेकदार को घर बनाने के लिए बुलाया गया था आगे चलकर उसकी वजह से ओमाना एडदान का पूरा परिवार उजड़ने वाला था। पी.मुरलीधरन शादीशुदा था उसके दो बच्चे थे। एडदान के भी दो बच्चे थे। इसके बाद भी दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए। ओमाना एडदान ने घर बनते समय बच्चों को छोड़ कर काम पर जाना जरुर नहीं समझा। दोनों की पहले दोस्ती हुई फिर प्यार। घर के काम होने के बाद भी दोनों की मुलाकता चलती रही। जब ओमाना के पति को यह बात पता चली तो उसने उसे समझाया।
पति को तलाक दे दिया
ओमाना नहीं मानी, उसने अपने पति को तलाक दे दिया और बच्चों को पति के पास छोड़ कर अलग रहने लगी। अपना एक अलग क्लिनिक भी खोला लेकिन वह चला नहीं। मुरलीधरन उससे प्यार नहीं करता था। वह अक्सर ओमाना से पैसे लिया करता था। जब ओमाना ने शादी के लिए पूछा तो मुरलीधरन ने उससे समया मांगा।
मलेशिया चली गई
क्लिनिक नहीं चला तो ओमाना भारत से बाहर चली गई। उसने मलेशिया में अपना क्लिनिक खोला वह चल गया। वह मुरलीधरन को पैसे देती रही। दोनों ने एक फर्जी नाम और पहचान से मलेशिया में शिफ्ट होने का फैसला किया। प्लान बना की दोनों शादी करके मलेशिया में शिफ्ट होगें। मुरली भी माना गया। दोनों ने एक परिजित के माध्यम से नकली पासपोर्ट और पहचान पत्र बनवाया।
मुरली शादी को तैयार नहीं हुआ
ओमाना ने अपना नाम अमीना भिंडे अर्बुदला कर लिया और मुरली ने भी नाम बदल लिया। दोनों मलेशिया में रहने लगे। मुरली शादी के लिए तैयार नहीं हुआ। दोनों का इस बात पर झगड़ा हुआ और मुरली भारत आ गया। थोड़े दिन बाद ओमाना का काम बंद हो गया। मुरली ने पैसा मांगा तो उसने देने से मना कर दिया। तब मुरली ओमाना को धमकी देना लगा। जिस मुरली के लिए ओमाना ने अपना घर, परिवार, देश सब छोड़ दिया उसका ऐसा बर्ताव देख उसे बहुत बुरा लगा।
पॉलीथिन और सूटकेस खरीदा
साल 1996 में ओमाना 7 जुलाई को भारत पहुंची वह 14 जुलाई तक यहां रहने वाली थी। उसने थिरुवनंथपुरम में अपने भाई के घर सामान रखा और ऊटी चली गई। यहां एक होटल लिया फर्जी नाम से। अगले दिन उसने पॉलीथिन के कुछ बंडल और दो सूटकेस खरीदे और होटल छोड़ दिया। ओमाना ने तीन दिन के लिए दूसरा होटल लिया और मुरली को बुलाया।
शराब पिलाई और इंजेक्शन लगा दिया
9 जुलाई को मुरली ऊटी पहुंचा। 10 जुलाई को दोनों घूमने गए। ओमाना ने एक रेलवे रिटायरिंग रूम बुक किया था। ओमाना ने मुरली को खुब शराब पिलाई फिर एक इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन में जहर भरा था। मुरली कुछ देर बाद ही मर गया। ओमाना ने उसके टुकड़े-टुकड़े कर मांस को बाथरुम में फ्लश कर दिया। हड्डियों को पोलोथिन में भरकर सूटकेस में डाल दिया और कमरे को साफ कर दिया।
सुसाइड प्वांइट की तरफ गई
सूटकेस लेकर वह दूसरे होटल में पहुंची फिर सूटकेस लेकर टैक्सी से वह कोडाइकनाल सुसाइड प्वांइट की तरफ जाने लगी। सूटकेस से महक आई तो टैक्सी ड्राइवर ने सवाल करना शरु कर दिया। ओमाना ने ड्राइवर को लालच दिया, ड्राइवर डर गया और उसकी बात मान ली। रास्ते में ओमाना को नींद आ गई। ड्राइवर ने गाड़ी पुलिस स्टेशन के बाहर रोकी और चिल्लाने लगा की गाड़ी में लाश है।
जमानत मिलने पर फरार
पुलिस से उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया। 2001 में ओमाना को कोर्ट से बेल मिली और वह फरार हो गई। 2009 में उसने अपने बेटे को फोन किया और बताया की वह मलेशिया में है। भारत और मलेशिया की पुलिस ने उसे खोचा पर वह नहीं मिली। ओमाना को मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में डाल दिया गया। 2017 में केरल की एक महिला ने मलेशिया में आत्महत्या कर लिया था। उसी महिला का नोटिस भारत उच्चयोग ने निकाला था। बाद में पता चला की यह लाश किसी और की है ना की ओमाना की। वह कहां है यह आज तक किसी को पता नहीं चला।
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