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India News (इंडिया न्यूज), Omar Abdullah Joining NDA: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला है। वहीं बीजेपी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं पीडीपी अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने में नाकामयाब रही है। हालांकि अभी तक चुनाव नतीजों के बाद भी सरकार गठन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है।
बता दें कि, इस चुनाव में उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीती हैं। वहीं बीजेपी ने 29 और कांग्रेस ने 6 और महबूबा मुफ़्ती की पीडीपी ने 3 सीटें जीती है। वहीं अन्य (आप, जेपीसी, निर्दलीय) के खाते में 8 सीटें गई हैं। इसके अलावा नतीजों के बाद कुछ निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन दे दिया है। जिसके बाद ये साफ़ है कि 90 सदस्यीय सदन में नेशनल कॉन्फ्रेंस अकेले भी सरकार बना सकती है। दरअसल उसे कांग्रेस की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। इस बीच इंडिया गठबंधन के घोषित सीएम चेहरा उमर अब्दुल्ला के तेवर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। बता दें कि, उनके बयानों में कांग्रेस के प्रति कड़वाहट दिखने लगी है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह इंडिया गठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं?
दरअसल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने चुनाव नतीजों के बाद कहा था कि कांग्रेस के साथ सत्ता को लेकर कोई खींचतान नहीं है। उमर अब्दुल्ला पूरे कार्यकाल के लिए सीएम बनेंगे। वहीं उमर ने शुक्रवार (11 अक्टूबर) को 4 निर्दलीय विधायकों के समर्थन की बात कही है। जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता कांग्रेस को यह बताना चाहते हैं कि सरकार बनाने के लिए उन्हें इंडिया गठबंधन में बने रहने की जरूरत नहीं है? साथ ही उनके बयान में कांग्रेस के प्रति थोड़ी नाराजगी भी देखने को मिली।
उमर अब्दुल्ला के चुनाव नतीजों के बाद अनुच्छेद 370 को लेकर पहले से काफी नरम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य का विकास और लोगों को रोजगार मुहैया कराना है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के विकास और लोगों की खुशहाली के लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्य सरकारें आपसी सहमति और बेहतर समन्वय के साथ काम करें। हालांकि इसके बाद सियासी बाजारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है नेशनल कॉन्फ्रेंस भी ऑल इंडिया अलायंस से बाहर हो जाए? बता दें कि, अभी तक कांग्रेस और उमर अब्दुल्ला की तरफ से इस बारे में साफ तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
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