.पार्टी में पांच साल से ज्यादा कोई पद पर नहीं रहेगा
.तीन साल के गैप के बाद ही मिलेगा फिर अगला पद
दिनेश डॉगी, इंडिया न्यूज, उदयपुर:
कांग्रेस (congress) टिकट बंटबारे (ticket distribution) को लेकर अब बड़े स्तर पर बदलाव (change) करने की तैयारी में है। अगले चुनावों से एक परिवार (one family) से केवल एक ही सदस्य को पार्टी टिकट (one ticket) देने का प्लान बना रही है। बता दें कि आज से राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित किया जा रहा है और इसी दौरान आज पहले दिन संगठन में बदलाव व राजनीतिक मामलों पर बने पैनल ने टिकट बंटबारे को लेकर यह सिफारिश की है। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी व पार्टी महासचिव अजय माकन ने मीडिया के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।
अजय माकन ने कहा, हमारे पैनल में एक परिवार से एक पद के फामूर्ले को लागू करने पर चर्चा हुई है। उन्होंने बताया कि इसके तहत अब पार्टी में अब एक परिवार से एक ही व्यक्ति को ही टिकट देने पर बताचीत हुई है। माकन के अनुसार पैनल में बात हुई कि अब सीधे किसी को टिकट न दिया जाए और न ही नए आने वालों को टिकट मिलेगा। उन्होंने कहा, जिसने कम से कम पांच साल पार्टी में काम किया हो उसे भी टिकट दिए जाने का निर्णय हुआ है।
माकन ने बताया कि कम से कम 3 साल का कूलिंग पीरियड रहे और लगातार किसी को पांच साल के बाद पद नहीं दिया जाए। तीन साल के अंतराल के बाद ही आगे कोई पद दिया जाए, पैनल में यह भी सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा, कोई व्यक्ति अगर लगातार 5 साल के बाद पद पर रह जाता है तो वह तीन साल का गैप लेने के बाद ही अगला पद ले सकेगा।
पैनल में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि अगर पांच साल से कोई परिवार का सदस्य एक्टिव है तो उसे दूसरा टिकट भी दिया जा सकता है, लेकिन नए को टिकट नहीं मिलेगा। गांधी परिवार पर प्रावधान लागू होने के सवाल पर माकन ने कहा कि यह सवाल गांधी परिवार का नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव, संगठन की चुनावी प्रक्रिया से होंगे। चिंतन शिविर से कांग्रेस अध्यक्ष के चयन का कोई संबंध नहीं है। अजय माकन ने ये संकेत भी दिए कि गांधी परिवार पर एक परिवार एक टिकट का प्रावधान शायद ही लागू हो।
कांग्रेस के पैनल में पार्टी में बदलावों की सिफारिशों के हिसाब से अब पैराशूट प्रत्याशियों को भी टिकट नहीं देने की सिफारिश की गई है। बता दें कि पार्टी में बड़ी संख्या में पैराशूटर प्रत्याशी मैदान में उतारे जाते रहे हैं। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी ऐसा हो चुका है। पिछले विधानसभा चुनावों में बांसवाड़ा की सभा में राहुल गांधी ने कहा था कि इस बार पैराशूटर्स की रस्सी आसमान से ही काट दी जाएगी।
राहुल ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले ही पैराशूटर्स उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने की घोषणा की, पर दो महीने बाद ही इस पर यू-टर्न ले लिया था। विधानसभा चुनावों में आधे घंटे पहले कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैयालाल झंवर को टिकट दिया गया। बीजेपी के तत्कलीन सासंद हरीश मीणा को भी टिकट दिया गया। दर्जन भर सीटों पर पैराशूटी उम्मीदार उतारे गए थे।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर कई मंत्रियों और नेताओं के परिवारों से एक से ज्यादा टिकट दिए जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव में जोधपुर से टिकट दिया गया था। मंत्री महेंद्र जीत मालवीय की पत्नी रेशम मालवीय को बांसवाउ़ा जिला प्रमुख बनाया गया।
कांग्रेस में राजनीतिक परिवारों की लंबी कतार है जिन्हें बार बार टिकट मिला है। खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी बारां जिला प्रमुख हैं। मंत्री जाहिदा खान की बेटी प्रधान है। मंत्री गोविंदराम मेघवाल की बेटी, पुत्रवधू को भी प्रधान का टिकट दिया है। इसके अलावा दर्जन भर विधायकों के परिवारों से नगरपालिका अध्यक्ष, प्रधान के टिकट दिए गए थे।
कांग्रेस में 5 साल लगातार पद नहीं रहने का नियम लागू होने पर आधे से ज्यदा नेता बाहर हो जांगे। नेताओं के बेटों को भी पांच साल पार्टी में काम करने के बाद ही टिकट मिलेगा।
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