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India News (इंडिया न्यूज), One Nation One Election Bill : आज (17 दिसंबर) लोकसभा में एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पेश किया गया, जिस पर विपक्ष ने विरोध जताया। दो विधेयक – संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक – एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के उद्देश्य से कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने पेश किए। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बोलते हुए सुझाव दिया कि विधेयक को बहस के लिए संसदीय पैनल के पास भेजा जा सकता है। बिल के पेश होते ही सदन में जमकर हंगामा हो रहा है। विपक्ष इस बिल को लेकर हंगामा कर रहा है।
बिल के पेश होने पर अमित शाह ने कहा कि इसे जेपीसी को दे देना चाहिए। जब यह बिल कैबिनेट में आया, तब खुद पीएम ने कहा था कि इसे जेपीसी को दे देना चाहिए और विस्तृत स्क्रूटनी होनी चाहिए। ज्यादा समय जाया किए बगैर मंत्रीजी जेपीसी को भेजने के लिए तैयार हो जाते हैं तो यहीं ये चर्चा समाप्त हो जाएगी। जब जेपीसी की रिपोर्ट के साथ कैबिनेट इसे फिर से पारित करेगी तब विस्तृत चर्चा होगी। कानून मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से जेपीसी को भेजने का प्रस्ताव करूंगा। इतनी जो चर्चा हुई है, इसका जवाब देकर जेपीसी के गठन की बात करूंगा।
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एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक के पेश होने पर असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया है। ओवैसी ने इस बिल को संविधान का उल्लंघन है, यह पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी का उल्लंघन है, फेडरलिज्म का भी उल्लंघन बताया है। ओवैसी ने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं। वहीं लेफ्ट सांसद अमराराम कहा कि बिल संविधान और लोकतंत्र को खत्म करके तानाशाही की ओर बढ़ने का प्रयास है। लोकल बॉडी स्टेट गवर्नमेंट का है, इसको भी आप लेना चाहते हैं। इसलिए क्योंकि एक आपका ही चलेगा। राज्यों की विधानसभा के अधिकार है, वो सब आप लेना चाहते हैं।
एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह बिल संविधान विरोधी है। आप चुनाव आयोग को विधानसभा भंग करने का अधिकार दे रहे हो चुनाव कराने के लि। ये बिल जेपीसी को भेजा जाना चाहिए।
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