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India News (इंडिया न्यूज़), One Nation One Election: देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ चर्चाएं जोरो पर है। एक तरफ बीजेपी लगातार इस मुद्दे का खुलकर समर्थन पर लगी है। वहीं विपक्ष इस मुद्दे का विरोध करता दिख रहा है। विपक्ष के कई नेता इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसे संविधान पर हमला बताया।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहा, “यह भारतीय संविधान पर हमला है। क्या वे (भाजपा) देश में ‘एक राष्ट्र, एक आय’ लागू कर सकते हैं और आर्थिक असमानता को कम कर सकते हैं?”
VIDEO | "It is an attack on the Indian Constitution. Can they (BJP) implement 'one nation, one income' in the country and lessen the economic inequality?" says Congress leader @digvijaya_28 on 'one nation, one election'. pic.twitter.com/58QLSk68CS
— Press Trust of India (@PTI_News) September 3, 2023
बता दें कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर सरकार ने इसमें एक कदम आगे बढ़कर जांच के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन कियाहै। इस समिति में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आज़ाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। वहीं इस कमेटी से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अपने आप को अलग कर दिया है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर कहा कि बीजेपी वालों ने नया शगूफा छोड़ा है- वन नेशन, वन इलेक्शन। वन इलेक्शन या 10 इलेक्शन या 12 इलेक्शन से हमको क्या मिलेगा…हम वन नेशन, वन एजुकेशन चाहते हैं। सबको एक जैसी शिक्षा मिलनी चाहिए। हम वन नेशन, वन इलेक्शन नहीं चाहते…हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि एक चुनाव हो या 1000 चुनाव हो।
एक देश, एक चुनाव को अगर सीधे तौर पर समझे तो इसके अनुसार लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने पर विचार किया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि पूरे देश में एक ही साथ चुनाव हो जाएंगे। इसके पहले देश में ऐसी व्यवस्था है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव 5 साल बाद होते हैं लेकिन राज्यों के चुनाव अपने हिसाब से कार्यकाल पूर्ण होने पर कराए जाते हैं।
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