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India News (इंडिया न्यूज़), One Nation One Election: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि हर वर्ष देश में कहीं न कहीं चुनाव होता है। इससे विकास में बाधा आती है, अधिक खर्च भी होता है। इसी के चलते ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बात सामने आई होगी…कमेटी बनी है वो अध्ययन करेगी और रिपोर्ट जमा करेगी। ये अच्छी बात है। इसे कोई व्यंग्य के तौर पर लेता है तो इसका मतलब उनकी सोच ठीक नहीं है।
#WATCH हर वर्ष देश में कहीं न कहीं चुनाव होता है। इससे विकास में बाधा आती है, अधिक खर्च भी होता है। इसी के चलते 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की बात सामने आई होगी…कमेटी बनी है वो अध्ययन करेगी और रिपोर्ट जमा करेगी। ये अच्छी बात है। इसे कोई व्यंग्य के तौर पर लेता है तो इसका मतलब उनकी… pic.twitter.com/1vT3gaquCn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2023
बता दें कि देश में इस वक्त ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर जमकर चर्चा हो रही है। सरकार लगातार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर बात करती रही है, लेकिन अब सरकार ने इसमें एक कदम आगे बढ़कर जांच के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। इस समिति में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आज़ाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
एक देश, एक चुनाव को अगर सीधे तौर पर समझे तो इसके अनुसार लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने पर विचार किया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि पूरे देश में एक ही साथ चुनाव हो जाएंगे। इसके पहले देश में ऐसी व्यवस्था है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव 5 साल बाद होते हैं लेकिन राज्यों के चुनाव अपने हिसाब से कार्यकाल पूर्ण होने पर कराए जाते हैं।
देश के अलग-अलग राज्यों में विधानसभा के कार्यकाल अलग-अलग क्रम में है। इस वजह से चुनाव के समय भी अलग-अलग रहते हैं। सरकार की ओर से इसी क्रम में बदलाव करके सभी चुनाव एक साथ कराने की ओर विचार किया जा रहा है। देश में आजादी के बाद हुए पहले चुनाव से लेकर 1967 तक लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ ही हुए लेकिन उसके बाद राज्यों की विधानसभा भंग होने के कारण इसमें बदलाव आया और अब इस तरह की स्थिति देखी जाती है कि पांचो साल देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव की तैयारी चल रही होती हैं।
ये भी पढ़ें- One Nation One Election: एक राष्ट्र, एक चुनाव पर चर्चाएं हुईं तेज, क्या पड़ेगा प्रभाव?
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