India News(इंडिया न्यूज), Opposition In Parliament: लोकसभा और राज्यसभा से सांसदों के बड़े पैमाने पर निलंबन को विपक्ष ने पीएम मोदी का लोकतंत्र पर हमला बताया। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार विपक्ष-विहीन संसद”का इस्तेमाल बिना किसी महत्वपूर्ण विधेयक को बुलडोजर करने के लिए करेगी। बता दें कि कांग्रेस ने 13 दिसंबर को संसद पर हमले के बाद जमकर सवाल उठाए।
वहीं, बहस या असहमति को वामपंथी सांसदों ने भी इस अभूतपूर्व कदम की निंदा की और कहा कि भारत पर उसके “अभी तक के सबसे कमजोर गृह मंत्री” शासन कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसे फासीवादी शासन द्वारा सांसदों के निलंबन को सम्मान का प्रतीक बताया।
क्या बोले कांग्रेस अध्यक्ष
इस मामले में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ”पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया, फिर मोदी सरकार ने संसद और लोकतंत्र पर हमला किया। उन्होंने कहा कि सांसदों को निलंबित करके एक निरंकुश सरकार द्वारा सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है।
खड़गे ने आगे कहा कि विपक्ष की एक साधारण मांग है कि गृह मंत्री संसद की सुरक्षा में “अक्षम्य उल्लंघन” पर सदन में एक बयान जारी करें, जिसके बाद चर्चा हो। “प्रधानमंत्री एक अखबार को साक्षात्कार दे सकते हैं और गृह मंत्री टीवी साक्षात्कार दे सकते हैं। लेकिन संसद के प्रति उनकी कोई जवाबदेही नहीं है – जो भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है।”
गौरव गोगोई ने कही ये बात
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह भाग रहे हैं क्योंकि वह नहीं चाहते कि उनकी विफलता संसदीय रिकॉर्ड पर आए।” उन्होंने कहा कि पास की सुविधा देने वाले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा को दंडित नहीं किया गया है, लेकिन हमले के बारे में सवाल उठाने वाले विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा रहा है।
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