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India News ( इंडिया न्यूज़ ) Opposition Meeting: 23 जून को बिहार के पटना में विपक्षी एकता की महाबैठक होने जा रही है। इस बैठक में विभिन्न विपक्षी दलों के करीब 17 दलों के प्रमुख नेता शामिल होंगे। विपक्ष की इस बैठक के कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। विपक्ष की एकता और बैठक को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया अब कांग्रेस पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता और अब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी चीफ गुलाम नबी आजाद दी है। विपक्षी पार्टियों की मीटिंग को लेकर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इसका कोई फायदा नहीं होगा। इसका लाभ तभी होगा जब दोनों पक्षों के लिए कुछ होगा।
उन्होंने कहा, ”दोनों के लिए लाभ के हिस्से में अंतर हो सकता है.., यह 50-50 या 60-40 हो सकता है… लेकिन इस मामले में, दोनों पक्षों के पास दूसरे को देने के लिए कुछ भी नहीं है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा उदाहरण देते हुए कहा कि टीएमसी के पास पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को देने के लिए कुछ नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा ”पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और सीपीआईएम का एक भी विधायक नहीं है. ऐसे में इन दोनों दलों के साथ सीएम ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) गठबंधन क्यों करेगी। इससे टीएमसी को क्या मिलेगा. ऐसे ही टीएमसी का राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोई एमएलए नहीं है। कांग्रेस इन राज्यों में टीएमसी को क्या देगी।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसा ही आंध्र प्रदेश में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। इसी प्रकार यहां के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी के किसी भी राज्य में विधायक नहीं है, कांग्रेस इन्हें क्या देगी। ऐसे में विपक्षी एकता कुछ नहीं एक सिर्फ फोटो अपॉर्चुनिटी है।
गुलाम नबी आजाद ने साथ ही कहा, “वो (विपक्ष) चाहते हैं कि बीजेपी की हार हो, लेकिन किसी भी विपक्षी दलों की अपने राज्य के अलावा दूसरी जगह मौजदूगी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि चुनाव के बाद गठबंधन की अधिक संभावना है। आजाद ने कहा,” कांग्रेस को उस राज्य में फायदा हो रहा है जहां कि राज्य नेतृत्व मजबूत है। उन्होंने कहा कि अंतर इतना है कि पहले केंद्रीय नेतृत्व राज्यों को चलाता था और अब राज्य नेतृत्व केंद्रीय नेतृत्व को चलाता है।
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