India News (इंडिया न्यूज), Owaisi Statement On Encounter: उत्तर प्रदेश पुलिस ने बहराइच हिंसा के दो आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया है। इसमें से एक आरोपी सरफराज की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार ये एनकाउंटर बहराइच के पास नानपारा में किया गया है। हालांकि एनकाउंटर को लेकर पुलिस पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी पुलिस पर हमला कर नेपाल भागने की फिराक में थे। जिसके बाद पुलिस के साथ उनकी मुठभेड़ हो गई। इस पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि, बहराइच हिंसा के आरोपियों का पुलिस से एनकाउंटर का सच जानना मुश्किल नहीं है। योगी की ठोक देंगे नीति के बारे में सब जानते हैं। अगर पुलिस के पास इतना सबूत होता तो आरोपियों को कानूनी सजा दिलाने की कोशिश होती।
बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने इस एनकाउंटर के बारे में बताया कि, हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी के लिए नानपारा इलाके में सरफराज और तालीम उर्फ सबलू को ले जाया गया था। यहां इन्होंने हथियारों से पुलिस टीम पर ही फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों को गोली लगी है। इसके बाद दोनों को अस्पताल भेजा गया है। वहां डॉक्टर की टीम उपचार कर रही है। इसके साथ ही रामगोपाल मिश्रा की हत्या में जो वेपन इस्तेमाल किया गया था। उसे बरामद कर लिया गया है।
एसपी ने आगे कहा है कि, इस मामले में अभी और लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम दबिश दे रही है। हिंसक घटना में जो लोग भी शामिल रहे हैं, चाहे वे अफवाह फैलाने में हों या साजिश रचने में, किसी भी तरह से इस घटना में संलिप्त पाए जाएंगे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बहराइच हिंसा के आरोपियों का पुलिस से “एनकाउंटर” का सच जानना मुश्किल नहीं है। योगी की “ठोक देंगे” नीति के बारे में सब जानते हैं। अगर पुलिस के पास इतना सबूत होता तो आरोपियों को क़ानूनी सज़ा दिलाने की कोशिश होती।
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 17, 2024
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरप्रदेश के बहराइच में रविवार (13 अक्टूबर, 2024) को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो पक्षों में हिंसा भड़क गई थी। इन हिंसा के दौरान राम गोपाल मिश्रा नाम का युवक एक मुस्लिम शख्स के घर में घुसकर छत पर लगे हरे झंडे को इस तरह से उखाड़ता है कि, छत की पूरी रेलिंग उखड़ जाती है। इसी दौरान भीड़ से कोई उसे भगवा झंडा देता है। जिसे वो शान से लहराने लगता है। इसके बाद भीड़ में से कोई उसे गोलियों से भून देता है। जिसके बाद उसकी हत्या हो जाती है। इस घटना के बाद ये हिंसा और भड़क जाती है। इसके बाद अंतिम यात्रा में शामिल लोग दो हिस्सों में बंट जाते हैं। फिर एक-दूसरे के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को आग लगा दी।
जिस बंदूक से किया राम गोपाल का मर्डर, वही बन गई ‘काल’, लेडी सिंघम ने बताई एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी
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