Pakistan Election Commission: पाकिस्तान चुनाव आयोग ने देश भर के 271 सांसदों एवं विधायकों पर बड़ी कार्रवाई की है। संपत्ति और देनदारियों का विवरण जमा नहीं करने की वजह से इन सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। बता दें इस स्टेटमेंट को साल के अंत में दिसंबर तक जमा करना होता है। इस बड़े फैसले को लेने से पहले चुनाव आयोग (Election Commission) ने पाक सांसदों को सचेत भी किया था कि वो 30 जून, 2022 तक का अपना वित्तीय विवरण 16 जनवरी, 2023 तक जमा करें। इसके साथ- साथ आयोग ने इस बात की चेतावनी भी दी थी कि यदि वो वित्तीय विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं तो उनकी संबंधित सदस्यता को निलंबित कर दिया जाएगा।
ईसीपी ने एक सूची जारी किया है जिसके अनुसाार पंजाब से प्रांतीय विधानसभा (एमपीए) का कोई सदस्य निलंबित नहीं किया गया है। क्योंकि प्रांतीय विधानसभा को पहले ही भंग कर दिया गया है। नेशनल असेंबली के सदस्यों और सीनेटरों के अलावा, सिंध से 48 एमपीए, खैबर पख्तूनख्वा से 54 और बलूचिस्तान से 12 सदस्यों की सदस्यता निलंबित कर दी गई है। खास बात ये है कि निलंबित एमएनए में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट सदस्य अहसान इकबाल और ख्वाजा आसिफ शामिल हैं। इसके अलावा, लोक लेखा समिति के अध्यक्ष नूर आलम खान भी उन लोगों में शामिल हैं, जिनकी सदस्यता निलंबित कर दी गई है। इसके अलावा, सूची में अन्य संघीय मंत्रियों में साजिद तुरी, मुफ्ती अब्दुल शकूर, चौधरी तारिक बशीर चीमा और मोहम्मद इसरार तरीन के भी नाम हैं।
बता दें सूची में कुछ बड़े नाम भी शामिल हैं जैसे कि, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान के संयोजक खालिद मकबूल सिद्दीकी, 21 सीनेटरों में पूर्व वित्त मंत्री और पीटीआई के सीनेटर शौकत तरीन का नाम शामिल है। बता दें एमएनए, सीनेटर और एमपीए की संख्या पिछले दो वर्षों की तुलना में साल 2023 के लिए बहुत अधिक है और दिग्गज राजनेताओं सहित सत्तारूढ़ गठबंधन से संबंधित सांसद अपने कानूनी दायित्व को पूरा करने में विफल रहे।
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