India News (इंडिया न्यूज), Palestinian Detainees: संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ ने गुरुवार (23 मई) को हमास द्वारा 7 अक्टूबर के हमले के मद्देनजर फिलिस्तीनी बंदियों के साथ क्रूर, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार के कई आरोपों की जांच करने के लिए इजरायल को बुलाया। अत्याचार पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत एलिस जिल एडवर्ड्स ने एक बयान में कहा कि उन्हें लोगों को पीटने, आंखों पर पट्टी बांधकर और लंबे समय तक हथकड़ी लगाकर कोशिकाओं में रखने के आरोप मिले हैं। इज़रायली सरकार या सेना की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। सेना ने कहा है कि वह इज़रायली और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार काम करती है। जिन लोगों को गिरफ्तार करती है उन्हें भोजन, पानी, दवा और उचित कपड़े मिलते हैं।
यूएन विशेषज्ञ ने व्यक्त की चिंता
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने कहा कि उन्हें कुछ बंदियों को नींद से वंचित करने, शारीरिक और यौन हिंसा की धमकी देने, अपमानित करने और अपमानजनक कृत्यों का सामना करने की रिपोर्ट मिली है। जिसमें अपमानजनक मुद्राओं में फोटो खींचना और फिल्माया जाना भी शामिल है। एडवर्ड्स ने कहा कि मैं विशेष रूप से चिंतित हूं कि उल्लंघन का यह उभरता हुआ पैटर्न, जवाबदेही और पारदर्शिता की अनुपस्थिति के साथ, फिलिस्तीनियों के साथ और अधिक अपमानजनक और अपमानजनक व्यवहार के लिए एक अनुमोदक वातावरण बना रहा है।
इजरायल-हमास के बीच जंग जारी
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत एलिस जिल एडवर्ड्स ने कहा कि इजरायली अधिकारियों को यातना या दुर्व्यवहार की सभी शिकायतों और रिपोर्टों की तुरंत निष्पक्ष, प्रभावी और पारदर्शी तरीके से जांच करनी चाहिए। कमांडरों सहित सभी स्तरों पर जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, जबकि पीड़ितों को क्षतिपूर्ति और मुआवजे का अधिकार है। गौरतलब है कि इज़रायली आंकड़ों के अनुसार, गाजा में इज़रायल का सैन्य अभियान 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों के हमले से शुरू हुआ था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 253 को बंधक बना लिया था। वहीं फ़िलिस्तीनी चिकित्सकों के अनुसार, इसके बाद हुए इज़रायली हमले में 35,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए।