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RG Kar Case: बेटी के कातिल की फांसी की मांग पर माता-पिता का U- Turn, कोर्ट में दिया चौंकाने वाला बयान

BY: Deepak • LAST UPDATED : January 28, 2025, 2:48 pm IST
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RG Kar Case: बेटी के कातिल की फांसी की मांग पर माता-पिता का U- Turn, कोर्ट में दिया चौंकाने वाला बयान

RG Kar Case

India News (इंडिया न्यूज), RG Kar Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई डॉक्टर के माता-पिता ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने पर यू-टर्न ले लिया है। सियालदह कोर्ट की सजा पर पहले असंतोष जताने वाले माता-पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा है कि वे इस अपराध के दोषी संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग नहीं करते हैं।

पीड़िता की वकील गार्गी गोस्वामी ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट को अपने रुख से अवगत कराया। उन्होंने कोर्ट से कहा, “सिर्फ इसलिए कि उनकी बेटी ने अपनी जान गंवा दी है, इसका मतलब यह नहीं है कि दोषी संजय रॉय को भी अपनी जान देनी होगी।” इस मामले में दोनों पक्षों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

क्या बोले पीड़िता के माता-पिता?

वकील गार्गी गोस्वामी ने आगे कहा, “मैंने पीड़िता के माता-पिता से कई बार बात की है। उनका मानना ​​है कि उनकी बेटी की हत्या में शामिल सभी लोगों को सिर्फ इसलिए फांसी नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने उसकी हत्या की है। वे चाहते हैं कि निचली अदालत द्वारा दोषी को दी गई अधिकतम सजा बरकरार रखी जाए। बाकी आरोपियों को भी सजा मिलनी चाहिए।”

राज्य सरकार और सीबीआई ने अलग-अलग अपीलों में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अपराधी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दोनों ने अपराधी के लिए मृत्युदंड की मांग की है। हाईकोर्ट की खंडपीठ में जस्टिस देबांगसु बसाक और जस्टिस मोहम्मद शब्बर रशीदी शामिल हैं। उन्होंने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। सीबीआई ने दलील दी कि चूंकि उसने मामले की जांच और अभियोजन किया है, इसलिए वह ही सजा की अपर्याप्तता के आधार पर अपील दायर कर सकती है। वहीं, राज्य सरकार ने दलील दी कि उसे भी अपर्याप्त सजा के खिलाफ अपील दायर करने का अधिकार है।

ममता सरकार ने भी जताया था फैसले पर असंतोष

इससे पहले ममता सरकार ने भी सियालदह कोर्ट के फैसले पर असंतोष जताया था। इससे पहले संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने पर पीड़िता के माता-पिता ने निराशा जताई थी। उन्होंने कहा था कि वे अपराधी को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि इस जघन्य अपराध की जांच आधे-अधूरे मन से की गई। इस अपराध में शामिल कई आरोपियों को बचा लिया गया है। वे न्याय की मांग को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे।

पीड़िता की मां ने कहा था, “हम स्तब्ध हैं। यह दुर्लभतम से दुर्लभतम मामला कैसे नहीं है? ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया। उसकी हत्या कर दी गई। हम निराश हैं। इस अपराध के पीछे एक बड़ी साजिश थी।” संजय रॉय को सजा सुनाते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा था कि यह दुर्लभतम से दुर्लभतम मामले की श्रेणी में नहीं आता है।

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मुआवजा लेने से किया इनकार

पीड़िता के पिता ने कहा कि जब तक अन्य सभी आरोपियों को सजा नहीं मिल जाती, वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने मुआवजा लेने से भी इनकार कर दिया। अपने फैसले में कोर्ट ने राज्य सरकार को 17 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया था। जज ने कहा, “पीड़िता की अस्पताल में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई। यह उसका कार्यस्थल था। उसके परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर कोलकाता पुलिस इस मामले को संभालती, तो मौत की सजा सुनिश्चित हो जाती। उन्होंने कहा था, “हमने मौत की सजा मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी है।” सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

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