इंडिया न्यूज, New Delhi (Parliament Budget Session 2023): राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने संसद के बजट सत्र के दौरान खाद्यान्न के पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था के संबंध में सवाल पूछा। इस पर उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा लिखित उत्तर में बताया कि एफसीआई भंडारण क्षमता का लगातार आकलन और निगरानी करता है और भंडारण अंतराल के आकलन के आधार पर निम्नलिखित योजनाओं के माध्यम से भंडारण क्षमता सृजित/किराए पर ली जाती है।
सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत साइलो का निर्माण। निजी उद्यमी गारंटी (पीईजी) योजना। केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस)। केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी/राज्य भंडारण निगमों (एसडब्ल्यूसी)/राज्य एजेंसियों से गोदाम किराए पर लेना। निजी भंडारण योजना (पीडब्ल्यूएस) के माध्यम से गोदाम को किराए पर लेना।
वहीं सांसद कार्तिकेय शर्मा ने पूछा कि क्या खाद्यान्न की भण्डारण क्षमता में वृद्धि हुई है। इस पर उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में एफसीआई निम्नलिखित योजनाओं के तहत पीपीपी मॉडल के माध्यम से अपनी भंडारण क्षमता में वृद्धि कर रहा है।
1. पीपीपी मोड के तहत साइलो का निर्माण
2. निजी उद्यमी गारंटी (पीईजी) योजना
भंडारण सुविधाओं के उन्नयन और आधुनिकीकरण के लिए भारत सरकार ने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में स्टील साइलो के निर्माण के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। आज तक 12.75 एलएमटी की क्षमता पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, 2007 में सर्किट आधारित मॉडल के तहत 5.5 एलएमटी की क्षमता सृजित की गई है। एफसीआई ने 34.87 एलएमटी भंडारण क्षमता के पीपीपी में हब एंड स्पोक मॉडल के तहत साइलो के निर्माण का कार्य सौंपा है।
पीईजी योजना के तहत निजी निवेश को आकर्षित कर 22 राज्यों में पारंपरिक गोदामों का निर्माण किया गया है। पीईजी योजना की शुरुआत 2008 में हुई थी और यह इसका अंतिम चरण है। 01 मार्च, 2023 तक इस योजना के तहत कुल 146.14 एलएमटी क्षमता पूरी हो चुकी है।
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