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India News (इंडिया न्यूज), Parliament Security Breach: पुलिस ने संसद में सुरक्षा चूक मामले में एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि लोकसभा में हुई सुरक्षा में चूक की घटना के दो आरोपी 1929 की घटना को दोहराना चाहते थे। जिसमें भारत में ब्रिटिश शासन के समय क्रांतिकारी भगत सिंह द्वारा ‘सेंट्रल असेंबली’ के अंदर बम फेंका गया था। इसके साथ ही एक अधिकारी ने मामले के बारें में बताया की आरोपियों के कब्जे से एक पर्चा बरामद किया गया है। जिसमें लिखा गया था, ‘प्रधानमंत्री लापता हैं और जो भी उन्हें ढूंढे़गा उसे स्विस बैंक से पैसा मिलेगा’ Parliament Security Breach
इसके साथ ही बता दें की पुलिस द्वारा कहां गया की आरोपियों के जूतों को खास तारीके से बनाया गया था। जूतों में धुएं की ‘केन’ को छिपानी की खास जगह को बनाया गया था। अधिकारी ने आगे कहा, “इन ‘केन‘ को सागर शर्मा ने लखनऊ से खरीदा था” वहीं बताया गया की आरोपियों ने संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी। वहीं आरोपियों ने तिरंगे भी खरीदें थे। सूत्रों ने हवाले से बताया गया कि आरोपियों के पास से कुछ और पर्चे बरामद हुए थे। जिनमें युवाओं को सरकार के खिलाफ भड़काने वाले संदेश लिखे गए थे।
वहीं सूत्र ने कहा गया, ‘ऐसे ही एक पर्चे पर लिखा था ‘देश के लिए जो नहीं खौला वो खून नहीं पानी है’ मामले के बारें में बताऐ तो आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। इसके अलावा उस दौरान संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाना शुरू कर दिया था।
संसद में हमले की घटना को अनजाम देने वाले मुख्य आरोपी ललित झा को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसपर पुलिस अधिकारियों ने कहा, “ललित झा एक व्यक्ति के साथ राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पुलिस थाने पहुंचा, जहां उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया” इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘ललित झा कर्तव्य पथ थाने आया जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया जो घटना की जांच कर रही है’
मामले में पुलिस के अनुसार संसद की सुरक्षा में सेंध लगाना योजनाबद्ध तरीके से किया गया कृत्य था और इसे छह लोगों द्वारा अंजाम दिया गया था, जिनमें से सभी अब पुलिस हिरासत में हैं। 2001 में संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तारकर लिय गया था।
सदन में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. के रूप में की गई है। संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की निवासी नीलम (42) और लातूर (महाराष्ट्र) के निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है। ये चारों आरोपी संसद पहुंचने से पहले अपने सहयोगी विशाल के घर पर ठहरे थे। पुलिस ने विशाल को भी गुरुगाम से हिरासत में लिया था।
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