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India News (इंडिया न्यूज), Patna Serial Blast Case 2013: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की कोशिश की गई। हालांकि अब वो सुरक्षित है। गोली उनके कान को छू कर निकल गई। लेकिन इस वारदात ने 10 साल पहले भारत में हुए उस हमले के पन्ने को एक झटके में पलट कर रख दिया। जब PM मोदी ने साल 2013 में हुए बिहार में एक रैली में हजारों लोगों की जान बचाई थी। चलिए जानते क्या हुआ था । अगर इतिहास के पन्नों को पलटे तो पटना में आयोजित हुंकार रैली के बीच वहां के गांधी मैदान में ताबड़तोड़ बम धमाकों को अंजाम दिया गया था। धमाकों की आवाज से राज्य की पूरी राजधानी गूंज उठी थी। इस हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी। 80 से ज्यादा लोगों के घायल होने की रिपोर्ट थी। लेकिन ये हादसा और बड़ा और भयावह हो सकता था अगर पीएम मोदी ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती। उस वक्त पीएम मोदी ने क्या किया था चलिए आपको बताते हैं।
उस वक्त इस केस में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत ने पटना के गांधी मैदान में 2013 के सिलसिलेवार विस्फोटों के आरोपी 10 लोगों में से नौ को दोषी ठहराया, जिसमें छह लोग मारे गए और 90 घायल हो गए।
एनआईए ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में पिछली रैलियों में मोदी के करीब पहुंचने में नाकाम रहने के बाद आरोपियों ने पटना बम विस्फोट की योजना बनाई। एनआईए ने दावा किया कि आरोपियों ने रांची में आत्मघाती बम विस्फोट का ड्राई रन भी किया था। घटना में घायल हुए दो आरोपियों इम्तियाज अंसारी (गांधी मैदान) और मोहम्मद तारिक आजम (पटना जंक्शन) ने अपने अन्य साथियों के नाम का खुलासा किया है। इलाज के दौरान आजम की मौत हो गई। उनके खुलासे के बाद बिहार पुलिस और एनआईए ने बोधगया ब्लास्ट केस को सुलझा लिया। गांधी मैदान और उसके आसपास कुल 17 आईईडी पाए गए।
2014 के लोकसभा चुनाव (Lok sabha Elections 2014) के लिए पटना के गांधी मैदान में NDA की तरफ से हुंकार रैली के लिए आयोजन किया गया था। रैली को संबोधित करने के लिए उस समय भारतीय जनता पार्टी की ओर से NDA ने प्रधानमंत्री चेहरा (PM Face) पीएम मोदी को बनाया था। जो उस समय गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे। पीएम मोदी को उस समय सुनने के लिए गांधी मैदान में भारी तादाद में लोग पहुंचे थे। लोगों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि पटना जंक्शन (पटना जंक्शन) से लेकर कुछ किलोमीटर दूर स्थित गांधी मैदान (गांधी मैदान) तक सड़कों पर भारी जमाव हो गया था।
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तभी अचानक ही पहला बम विस्फोट पटना जंक्शन पर हुआ। उसके कुछ देर बाद गांधी मैदान इलाके में विस्फोट हुआ। हालांकि लोगों को लगा कि शायद जश्न के लिए पटाखे फोड़े जा रहे हैं। मैदान के आसपास आधा दर्जन बम धमाके हुए। इसके बाद भी लोगों की भीड़ लगी रही। क्योंकि लोग इस बात से अंजान थे कि मौत उनकी और बढ़ रही है। इस बीच लोग पटाखा समझ कर उत्साह में मोदी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। इतना था कि मंच पर मौजूद नेताओं और पुलिस बल को इस बात की भनक लग गई थी कि यह कोई पटाखे की आवाज नहीं थी।
हालात कुछ ऐसे बने थे कि अगर भगदड़ मच जाती तो 6 की जगह ना जाने कितनी मौतें होतीं। इसलिए मंच पर मौजूद बीजेपी नेताओं ने भगदड़ होने से रोकने के लिए कमान संभाली। लोगों से लगातार कहते रहे कि उत्साह में पटाखे न छोड़ें। धीरे-धीरे करके आप सभी मैदान के बाहर निकल कर घर पहुंचे। एंबुलेंस के सायरन की आवाज सुनने के बावजूद अनहोनी की आशंका से अंजान लोग शांत बने रहे। फिर खुद नरेंद्र मोदी ने लोगों से आराम से मैदान से बाहर जाने और सुरक्षित घर पहुंचाने का आग्रह किया था। लोगों को तब तक इसकी भनक नहीं लगी जब तक वो अपने घर पहुंच कर समाचार नहीं देखा।
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विस्फोट की जब शुरुआत हुई उस बीच बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन गांधी मैदान के मंच से जनता को संबोधित कर रहे थे। जैसे ही नरेन्द्र मोदी मंच पर पहुंचे विस्फोट हुआ। उस वक्त नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को देखते हुए गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हुंकार रैली को रद्द करने की मांग की थी लेकिन मोदी इसके लिए तैयार नहीं हुए थे।
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