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खत्म हुआ कारगिल में साजिश रचने वाले दुश्मन का नामोनिशान, भारत के कदम को देख पड़ोसी देश बौखलाया, जानें क्या है पूरा मामला?

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : November 15, 2024, 7:48 am IST
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खत्म हुआ कारगिल में साजिश रचने वाले दुश्मन का नामोनिशान, भारत के कदम को देख पड़ोसी देश बौखलाया, जानें क्या है पूरा मामला?

Pervez Musharraf land in India: खत्म हुआ कारगिल में साजिश रचने वाले दुश्मन का नामोनिशान

India News (इंडिया न्यूज), Pervez Musharraf land in India: भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता परवेज मुशर्रफ के साथ हिंदुस्तान ने बदला ले लिया है। बता दें कि, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के कोटाना में शत्रु संपत्ति के तहत तीन लोगों ने नीलामी में दो हेक्टेयर जमीन खरीदी है। दरअसल, यह जमीन पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के रिश्तेदारों की है। तीन लोगों ने ऑनलाइन नीलामी में यह जमीन खरीदी है, जिसके बाद उन्होंने सरकार को 25 फीसदी रकम भी जमा करा दी है। परवेज मुशर्रफ के रिश्तेदारों की जमीन काफी समय से यहां पड़ी थी। बता दें कि, परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और उनकी मां बेगम जरीन इसी कोटाना गांव के रहने वाले थे। दोनों की शादी इसी गांव में हुई थी और दोनों ने अपने शुरुआती दिन इसी गांव में गुजारे थे।

मुशर्रफ की भारत में संपत्ति नीलाम

बता दें कि, मुशर्रफुद्दीन अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहने लगे। गांव छोड़ने के बाद भी उनका परिवार यहीं रह रहा था और उनके परिवार की जमीन अभी भी यहां मौजूद थी। हालांकि फिलहाल इसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। वहीं 15 साल पहले परवेज मुशर्रफ और उनके परिवार की इस जमीन को प्रशासन ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। बागपत जिले के बड़ौत थाना क्षेत्र के कोताना गांव में स्थित इस जमीन की नीलामी आखिरकार पूरी हो गई है। हालांकि, अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा ने पीटीआई भाषा को बताया कि यहां कुल आठ प्लॉट उपलब्ध थे, जिनकी कुल 13 बीघा जमीन है। इसे तीन लोगों ने खरीदा है।

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इतने करोड़ में हुई बिक्री

दरअसल, बड़ौत के उप जिलाधिकारी अमर वर्मा ने पहले बताया था कि मुशर्रफ के दादा कोताना गांव में रहते थे। उनके परिवार की संयुक्त जमीन यहां मौजूद है। उन्होंने यह भी बताया कि सैयद मुशर्रफुद्दीन और जरीन बेगम इस गांव में नहीं रहते थे, लेकिन मुशर्रफ के चाचा हुमायूं लंबे समय से यहां रहते हैं। वहीं शत्रु संपत्ति में दर्ज इस जमीन को तीन ग्राहकों ने ऑनलाइन बोली में 1 करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपये में खरीदा है। बता दें कि, नीलामी के बाद उन्हें 25 फीसदी धनराशि भी जमा करानी थी, जो कि कर दी गई है। पंकज वर्मा ने कहा कि इसे पूर्व दिवंगत राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का परिवार बताया जाता है, लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। दस्तावेजों के अनुसार यह जमीन नूरू नामक व्यक्ति की है। नूरू के परवेज के रिश्तेदार होने का कोई सबूत नहीं है।

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