इंडिया न्यूज, Haryana News। Khelo India Youth Games-2021 : जब किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान चोट लगती है तो उसकी सालों की मेहनत और करियर दांव पर लग जाता है। ऐसे खिलाड़ियों को अगर चंद सेकेंड में कोई ठीक कर दे और खेलने लायक बना दे तो वह किसी लाइफ लाइन से कम नहीं। कुछ ऐसी ही लाइफ लाइन का किरदार हरियाणा सरकार द्वारा खेलो इंडिया में लगाए गए 67 फिजियोथेरेपिस्ट (Physiotherapists) निभा रहे हैं, जो चोटिल खिलाड़ियों को मैच के दौरान ही थेरेपी देकर उनकी मांसपेशियों को उस मैच के लिए खेलने लायक बना देते हैं।

करीब 300 चोटिल खिलाड़ी फिजियोथेरेपिस्टों ने किए ठीक

इन फिजियोथेरेपिस्ट (Physiotherapists) ने अभी तक खेलो इंडिया में करीब 300 चोटिल खिलाड़ियों का फिजियोथेरेपी से इलाज किया है, जिसके बाद इन खिलाड़ियों ने अलग-अलग मैच खेले और अच्छा प्रदर्शन किया। ऐसे खिलाड़ियों ने खेल के बाद इन फिजियोथेरेपिस्ट और हरियाणा सरकार का धन्यवाद किया है।

इन खेलों में ज्यादा चोटिल होते हैं खिलाड़ी

खेलो इंडिया (Khelo India Youth Games-2021) में तैनात फिजियोथेरेपिस्ट हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव प्रभजोत सिंह की निगरानी में काम कर रहे हैं। ताऊ देवीलाल स्टेडियम (Tau Devi Lal Stadium Panchkula) में इन्हें फिजियोथेरेपिस्ट डा. रजनी बतरा (Dr. Rajni Batra) लीड कर रही हैं। डा.रजनी बताती हैं कि खेलो इंडिया में फिजियोथेरेपिस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जो भी खेल सीधे संपर्क के हैं जैसे कुश्ती, हाकी, फुटबाल, बाक्सिंग, वालीबाल, कबड्डी, इनमें खिलाड़ियों के चोटिल होने की संभावना ज्यादा रहती है।

गंभीर चोट लगने पर अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है : डा. रजनी

डा. रजनी बतरा बताती हैं कि कुश्ती में सबसे ज्यादा करीब 150 खिलाड़ी चोटिल हुए। इन खिलाड़ियों की तत्काल फिजियोथेरेपी की गई और उन्होंने मैच भी खेला। इसके अतिरिक्त हॉकी, बॉक्सिंग, कबड्डी और वालीबॉल में भी खिलाड़ी चोटिल हुए। इन्हें भी थेरेपी दी गई। पहले तीन दिन में 100 से ज्यादा खिलाड़ियों को चोट लगी, जिन्हें थेरेपी दी गई। 10 खिलाड़ियों को गंभीर चोट लगी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।

प्रत्येक मैदान में 3 से 6 फिजियोथेरेपिस्ट होते हैं तैनात

डा. रजनी (Dr. Rajni Batra) बतरा बताती हैं कि चोटिल खिलाड़ियों का इलाज अलग-अलग थेरेपी से किया जा रहा है। इसके लिए हर दिन कई किलो बर्फ की क्यूब मंगाई जाती हैं, जिन्हें चोट लगने पर इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, कपिंग थेरेपी, फर्स्ट ऐड किट और अलग-अलग मसल्स थेरेपी देकर खिलाड़ी को मैच खेलने लायक बनाया जाता है। प्रत्येक मैदान में कम से कम 3 और ज्यादा से ज्यादा 6 फिजियोथेरेपिस्ट की टीम तैनात की गई है।

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