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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
PIL In Supreme Court कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच लॉ के स्टूडेंट (law student) निखिल उपाध्याय (Nikhil Upadhyay) ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (public interest litigation) दायर कर देशभर में स्कूल व कॉलेजों में कॉमन ड्रेस कोड करने की मांग की है। छात्र ने कॉमन ड्रेस कोड को जरूरी बताकर मामले में जल्द सुनवाई की मांग की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि देशभर के शिक्षण संस्थानों में साम्प्रदायिकता, कट्टरता और अलगाववाद का खतरा कम करने के लिए और लोकतांत्रिक मूल्यों व समानता को बढ़ावा देने के मकसद से कॉमन ड्रेस कोड लागू करना जरूरी है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि केंद्र और राज्यों को शैक्षणिक संस्थानों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का निर्देश जारी किया जाए। इसके अलावा निखिल उपाध्याय केंद्र सरकर से इसके लिए एक न्यायिक आयोग या एक विशेषज्ञ समिति गठन करने का निर्देश देने की भी मांग की है। इस समिति का काम छात्रों में एकता को बढ़ावा देना होगा। सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद को लेकर पहले भी याचिका दायर की गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई इनकार कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि पहले कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई होने दीजिए। जजों ने कहा था कि शीर्ष कोर्ट सही वक्त पर सुनवाई करेगा।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर आने वाले समय में नागा साधुओं ने कॉलेज में दाखिला ले लिया और धार्मिक परंपरा का हवाला देते हुए वे बिना कपड़ों के ही क्लास में पहुंच गए तो क्या होगा? अपनी याचिका में लॉ के इस छात्र ने भारती विधि आयोग को तीन महीने के भतीर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश देने की भी मांग की है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि देशभर में स्कूल व कॉलेजों में कॉमन ड्रेस कोड लागू होने से छात्रों में समानता की भावना आएगी, क्योंकि स्कूल ऐसे स्थान हैं जहां किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। याचिकाकर्ता निखिल उपाध्याय ने कहा है कि स्कूल, रोजगार, ज्ञान और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए बनाए गए हैं। ये संस्थान धार्मिक प्रथाओं का पालन करने के लिए नहीं हैं।
हिजाब विवाद चार फरवरी को उडुपी जिले के सरकारी गर्ल्स पीयू कॉलेज में तब शुरू हुआ, जब कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब (मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला एक हेडस्कार्फ़) पहनकर कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों को इस महीने की शुरुआत में कथित तौर पर हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। इसके बाद कर्नाटक से लेकर दिल्ली व अन्य राज्यों में इस मामले में प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनों के बीच, 14 से 19 फरवरी तक छह दिन के लिए उडुपी जिले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी गई है।
उडुपी। कर्नाटक के उडुपी से बीजेपी विधायक रघुपति भट ने हिजाब विवाद को अंतरराष्टÑीय साजिश बताया है। उन्होंने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से करवाने की मांग की है। भट ने कहा, हिजाब विवाद एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है और मैंने मामले की एनआईए से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को छोड़कर कोई भी मुस्लिम देश हमारे खिलाफ नहीं है। भट ने कहा कि उडुपी में हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। यह उनका धार्मिक अधिकार है लेकिन स्कूलों में युनिफॉर्म का पालन किया जाना चाहिए।
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