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गाँधीनगर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद में आयोजित सेंटर-स्टेट साइंस कॉन्क्लेव (केन्द्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन) का रविवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए बलपूर्वक कहा कि इस कॉन्क्लेव का आयोजन ‘सबके प्रयास’ का स्पष्ट उदाहरण है। साइंस सिटी में आयोजित इस कॉन्क्लेव में गुजरात सहित देश के विभिन्न राज्यों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एवं सचिव सहभागी हुए हैं।
Addressing the Centre-State Science Conclave. https://t.co/Go0yE7vI8n
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2022
प्रधानमंत्री ने इस ओर ध्यानाकर्षित किया कि जब हम हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का उत्सव मनाते हैं, तब विज्ञान हमारे समाज व संस्कृति का भाग (हिस्सा) बन जाता है। उन्होंने देश में रिकॉर्ड संख्या में पेटेंट रजिस्टर्ड होने की स्वीकारोक्ति की और इनोवेशन के वातावरण तथा वाइब्रेंट स्टार्टइप इकोसिस्टम का भी उल्लेख किया।
उन्होंने बुनियादी स्तर पर विज्ञान को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों को सुझाव देते हुए कहा कि वे अपने विज्ञान पाठ्यक्रम के अच्छे अभ्यास और पहलुओं को साझा करें।
India has a rich scientific history which we must be proud of. pic.twitter.com/XlUXkqp4or
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2022
संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि ‘राज्य-केंद्र विज्ञान सम्मेलन’ देश में विज्ञान की प्रगति की दिशा में एक नया आयाम और संकल्प जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किसी भी अवसर को हाथ से न जाने दें।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आने वाले 25 साल भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण वर्ष हैं, क्योंकि यह आने वाले भारत की नई पहचान और शक्ति का निर्धारण करेगा।” प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों से इस कॉन्क्लेव से मिली सीख को अपने राज्यों में ले जाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का भी आग्रह किया।
Harnessing technology in key sectors like affordable housing, agriculture, boosting the circular economy and more. pic.twitter.com/0cbbrXeBMX
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2022
मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि देश के अमृतकाल में प्रधानमंत्री द्वारा भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के दिए गए लक्ष्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित होलिस्टिक एप्रोच महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश के विभिन्न राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों का साइंस सिटी में अद्वितीय सामूहिक मंथन-चिंतन इस संबंध में उपकारी सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट साइंस सिटी में विज्ञान-प्रौद्योगिकी के जनसाधारण तक प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार इसमें निरंतर नए आयाम जोड़ रही है, जिसके फलस्वरूप एक वर्ष में लगभग 12 लाख लोग साइंस सिटी देखने आए हैं। उन्होंने इस दिशा में की गई आईटी तथा आईटीईएस पॉलिसी, सेमीकंडक्टर पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी, बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी जैसी नूतन पहलों की पृष्ठभूमि भी दी।
इस अवसर पर केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सदैव विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान को प्राथमिकता दी है। इस दो दिवसीय सेंटर-स्टेट साइंस कॉन्क्लेव के उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहने के लिए हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं। प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक निर्णयों के अंतर्गत आज टेक्नोलॉजी घर-घर पहुँची है। प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अंतरिक्ष विभाग को पब्लिक-प्राइवेट पार्टिसिपेशन के लिए खोला गया, जिसके अंतर्गत आज यह विभाग गगनयान की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज आयोजित हो रहा यह अनूठा कार्यक्रम भी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही संभव हुआ है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में कई सारे सत्र व चर्चाएँ होंगे, जिनमें देश के कोने-कोने से आए विज्ञान विशेषज्ञ तथा पॉलिसी मेकर्स एक-दूसरे के साथ विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
इन दो दिनों के दौरान राज्य व केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों तथा मंत्रियों के बीच विभिन्न राज्यों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं व कार्यों पर मंत्रणा होगी। इस प्रकार के कार्यक्रम आगामी दिवसों में अलग-अलग राज्यों में भी शुरू किए जाएँगे। इस सम्मेलन के निष्कर्ष के आधार पर अधिक उचित क़दम उठा कर साइंस एंड टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
संमेलन में इस विषय पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर युवा वैज्ञानिकों को किस प्रकार उचित प्लेटफ़ॉर्म दिया जाए ? अमृतकाल में वर्ष 2047 तक यानी आने वाले 25 वर्षों में साइंस एंड टेक्नोलॉजी के उत्तम समन्वय के माध्यम से देश को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ बनाने के ध्येय के साथ इस कार्यक्रम का संचालन किया।
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