इंडिया न्यूज, गांधीनगर, PM Modi Mother turns 100: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का आज 100वां जन्मदिन है और पीएम ने मां के पास आज सुबह पहुंचकर उनका आशीर्वाद लिया। हीराबेन अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ गुजरात के गांधीनगर में रहती हैं। मोदी मां से मिलने गांधीनगर पहुंचे और मां के जन्मदिन पर सबसे पहले हीराबेन के पैर धोए, फिर पैरों के पानी को अपनी आंखों से लगाया। उसके बाद मां के साथ बैठकर पूजा-अर्चना की, उन्हें शॉल ओढ़ाई और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। हीराबेन ने भी हमेशा की तरह अपने बेटे पीएम मोदी का मुंह मीठा करवाया। बता दें कि पीएम हर वर्ष मां के जन्मदिन पर उनसे मिलते हैं।
आज भी बिना किसी सहारे के चलती हैं हीराबेन

जन्मदिन पर मां के साथ बैठकर बातचीत करते प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री की मां 100 साल की होने के बाद भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। वह अपने घर में आज भी बिना किसी सहारे के चलती हैं और घर का सारा काम खुद ही करती हैं। पंकज मोदी के अनुसार हीराबेन का जन्म 18 जून 1923 को हुआ था। मोदी गुजरात के दो दिन के दौरे पर हैं और वह मां के जन्मदिन पर आज पावागढ़ मंदिर भी जाएंगे। बाद में वडोदरा में एक रैली को संबोधित करेंगे। हीराबेन के नाम से गांधीनगर में एक सड़क होगी। इसका फैसला गांधीनगर नगर निगम ने किया। 18 जून से रायसण को जोड़ती सड़क हीराबेन के नाम से जानी जाएगी।
खिचड़ी, दाल, चावल जैसी चीजें ज्यादा खाना पसंद करतीं पीएम की मां
मां हीराबेन के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते पीएम मोदी
हीराबेन ज्यादातर घर का खाना ही खाती हैं। वे खिचड़ी, दाल, चावल जैसी चीजें ज्यादा खाना पसंद करतीं हैं। पीएम जब भी हीराबेन के साथ खाना खाते हैं तो सादा भोजन ही रहता है। जैसे रोटी, सब्जी, दाल,चावल और सलाद। जन्मदिन पर जब भी पीएम मोदी हीराबेन का आशीर्वाद लेने आते हैं तो उनका मुंह भी मिश्री और लपसी से मीठा कराया जाता है। इस बार भी इसी तरह हीराबेन ने उनका मुंह मीठा करवाया।
खुद स्कूल तक वोट डालने के लिए गई थीं हीराबेन, काफी बेहतर है स्वास्थ्य
जन्मदिन पर मां हीराबेन को शॉल ओढ़ाकर उनका मुंह मीठा करवाते पीएम मोदी
गांधीनगर के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव में खुद हीराबेन स्कूल तक वोट डालने के लिए गई थीं। कोरोना काल के समय आम जनमानस के मन में वैक्सीन को लेकर असमंजस था। तब हीराबेन ने खुद वैक्सीन लेकर समाज के सामने एक उदाहरण पेश किया था। अहमदाबाद के एक डायटिशियन का कहना है कि 100 साल की उम्र में भी हीराबेन की बीमारी को लेकर ज्यादा कोई खबर नहीं आती है। उनका स्वास्थ्य आम लोगों के स्वास्थ्य से काफी बेहतर है। सादा खाना ही एक स्वस्थ जीवन की निशानी है और वे हमेशा सादा खाना ही पसंद करती है, उसमें भी घर का बना खाना।
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