India News (इंडिया न्यूज़), PM Modi: Reported by Ajeet Mendola,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों के बाद अपने मंत्रियों की भी दिल की धड़कन बढ़ा दी है। सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री मोदी ने तो अपने मंत्रियों से सरकार के अगले 100 दिन का एक्शन प्लान और पूरे पांच साल का रोड मैप तैयार करने को कह दिया है। साथ ही जो मंत्रियों से कहा उससे उनके माथे पर चिंता की लकीरें है। प्रधानमंत्री ने कहा ये सोचे बिना काम करें कौन मंत्री रिपीट होगा और कौन नहीं। दो चार मंत्रियों को छोड़ सभी मंत्री संशय में हैं। प्रधानमंत्री मोदी तो पूरे भरोसे में हैं सरकार तीसरी बार भी भारी बहुमत के साथ बनने जा रही है। लेकिन सांसदों और मंत्रियों को भरोसा नहीं है कि वह तीसरी बार रिपीट होने जा रहे हैं।
नए चेहरों को मिलेगा मौका
सांसदों को लेकर तो यह तय है कि दो बार या उससे ज्यादा बार वाले सांसदों के टिकट इस बार कट सकते हैं। खास तौर पर हिंदी बेल्ट वाले राज्यों में तो आधे से ज्यादा नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश,राजस्थान,दिल्ली,हरियाणा,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,बिहार, उत्तराखण्ड,हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की अधिकांश सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट कटेंगे। हिमाचल,दिल्ली और उत्तराखंड में तो सभी सांसदों और मंत्रियों के टिकट पर संशय है। सूत्रों की माने तो इसके चलते मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में अपनी तैयारी और टीम को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं। बीजेपी ने सात केंद्रीय मंत्रियों को राज्यसभा का टिकट फिर से नहीं दिया।
इनमें भूपेंद्र यादव,धर्मेंद्र प्रधान,मनसुख मांडविया,नारायण राणे,पुरुषोत्तम रूपाला,राजीव चंद्रशेखर और वी मुरलीधरन हैं।इन मंत्रियों को लोकसभा का चुनाव लड़वाने की बात की जा रही है। यह फैसला किया जाना है इन्हें कहां से किसकी सीट पर लड़ाया जाए। दूसरा कौन सा राज्य ठीक रहेगा। हालांकि राम मंदिर की लहर को देखते हुए इन मंत्रियों को जहां से भी टिकट मिलेगा जीत जायेंगे,लेकिन ये भी आशंका है इनमें से कुछ को टिकट नहीं भी मिल सकता है। भूपेंद्र यादव,मंडाविया,राणे और प्रधान को लोकसभा का टिकट दिया जा सकता है।
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मंत्रियों की भी बढ़ी धड़कने
इनमे भूपेंद्र यादव को राजस्थान के अलवर से लडेंगे या फिर हरियाणा की यादव बाहुल्य सीट से देखना होगा। यादव बाहुल्य वाली गुरुग्राम वाली लोकसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह चार बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस सीट को लेकर भी कई चर्चाएं। राव इंद्रजीत चाहते हैं उनकी जगह उनकी बेटी को टिकट मिले और उन्हें विधानसभा में मौका मिले। ऐसे में भूपेंद्र यादव को नारनोर भिवानी की भी चर्चा है। लेकिन अधिक संभावना यही है राजस्थान की अलवर सीट उनके लिए सुरक्षित मानी जा रही है।इस तरह के फैसले पार्टी को करने है। धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली से लडेंगे या उड़ीसा से कुछ तय नहीं है।
इनके साथ लोकसभा वाले अधिकांश मंत्री संशय में हैं।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी को छोड़ बाकी को टिकट की अभी एक दम गारंटी नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी चुनाव लड़ाने की बात है। यह देखना होगा कि इन दोनों प्रमुख मंत्रियों को हिंदी बेल्ट से लड़ाया जाता या फिर गैर हिंदी बेल्ट से।
टिकट को लेकर जताई चिंता
इनके साथ दो बड़े मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और अनुराग ठाकुर किस सीट से लडेंगे देखना होगा। सिंधिया तो अभी राज्यसभा से है ,लेकिन उनकी लोकसभा का चुनाव लड़ने की चर्चा है। ग्वालियर से लड़ते हैं या अपनी पुरानी सीट गुना से। उनके करीबी मानते हैं गुना से लड़ सकते हैं। लेकिन चुनाव लड़वाने का फैसला प्रधानमंत्री मोदी को करना है। जहां तक अनुराग ठाकुर का सवाल है तो देखना होगा कि अपने संसदीय सीट से लड़ते हैं या दूसरी सीट से। चर्चा चंडीगढ़ की है। एक चर्चित नाम वरुण गांधी है,जिनको लेकर खबरें आ रही हैं टिकट नहीं मिलेगा।लेकिन दूसरी तरफ पार्टी के सूत्र बताते हैं कि वरुण को पार्टी पीलीभीत से ही चुनाव लड़ा सकती है।
सर्वे में उनकी रिपोर्ट सबसे अच्छी बताई जाती है। बड़े धड़े का मानना है कि वरुण ने सरकार की नीतियों पर सवाल जरूर उठाए,लेकिन पार्टी के खिलाफ कभी नहीं बोला। ऐसे में उनको टिकट के आसार हैं। इनके साथ आर के सिंह,जितेंद्र सिंह,अर्जुन राम मेघवाल,कृष्णपाल,जनरल वी के सिंह,मीनाक्षी लेखी,फगन सिंह कुलस्ते,अश्वनी चोबे आदि को चुनाव लड़वाने का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री मोदी ही करेंगे। इनमें कुलस्ते को पार्टी ने मध्यप्रदेश से विधानसभा का चुनाव लड़ाया था,लेकिन वह हार गए।
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मंत्रीयो को बड़ा झटका
उन्हें लोकसभा का टिकट शायद नहीं मिलेगा। नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल भी केंद्र से अब राज्य में मंत्री हैं।उनकी केंद्र में वापसी अब संभव नहीं है। हालांकि प्रदेश चुनाव समिति ने उनका नाम भेजा है। ऐसे भी संकेत हैं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों के चयन में कई चौंकाने वाले चेहरे मैदान में उतार सकते हैं। इनमें ब्यूरोक्रेट,खिलाड़ी और सिने कलाकार भी हो सकते हैं।