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India News(इंडिया न्यूज), PM Modi: आज 18वें लोकसभा सत्र की शुरुआत हो गई है जिसमें पीएम मोदी और सांसदों ने संसद की सदस्यता की शपथ ली है। आपको बता दें कि पीएम मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के पद पर लौटे हैं। साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू ने लोकसभा स्पीकर के रूप में भर्तृहरि महताब शपथ दिलाई। इस बीच पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया और कांग्रेस द्वारा लगाई गई आपातकाल के दौर को भी याद किया। आपको बता दें कि कल 25 जून है और इसी दिन 1975 में आपातकाल लगाई गई थी और देश के लोकतंत्र पर काला साया मंडराने लगा था। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं कि पीएम मोदी ने क्या बयान दिया और विपक्ष को क्या सलाह दी है।
वैसे तो पूरे देश ये बात जानता है कि आपातकाल का समय कितान मुश्किल था। विरोध कर रहे हर इंसान को सलाखों के पीछे डाल दिया था जिसमें कई नेता बीजेपी की नींव रखने वाले थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले मीडिया को संबोधित किया और 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था। पीएम ने कहा कि संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गईं, देश को जेल में बदल दिया गया और लोकतंत्र को पूरी तरह से दबा दिया गया। पीएम मोदी ने इसे भारत के लोकतंत्र पर ‘काला धब्बा’ बताया।
आपको बता दें कि 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे कलंक के 50 साल पूरे हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबा दिया गया था। अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र की रक्षा करते हुए, लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी संकल्प लेंगे कि 50 साल पहले भारत में जो हुआ, उसे दोहराने की हिम्मत कोई नहीं करेगा। हम जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के अनुसार सामान्य लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे। विपक्ष केवल लोकतंत्र की धजिया उड़ाता है और हमारा कर्तव्य है कि हम इस लोकतंत्र और देश की रक्षा करें।
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए बहुत सी बातें कही। उन्होंने कहा, कि “लोग एक जिम्मेदार विपक्ष की उम्मीद करते हैं।” उन्होंने कहा, कि “देश के लोग विपक्ष से अच्छे कदमों की उम्मीद करते हैं। मुझे उम्मीद है कि विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए देश के आम नागरिकों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।” देश को एक अच्छे विपक्ष, एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है और मुझे पूरा विश्वास है कि इस 18वीं लोकसभा में जीतने वाले सांसद आम आदमी की इन उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश करेंगे।
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