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Police allegedly thrashed father of martyred son: बिहार के वैशाली जिले की पुलिस शहीद बेटे के पिता को गिरफ्तार कर कथित तौर पर पिटाई की है। फौजी जय किशोर सिंह पिछले सालों हुए गलवान झड़प में देश के लिए शहीद हो गए। जिसके बाद उनके पिता ने शहीद बेटे की याद में गांव में ही सरकारी जमीन पर उनकी स्मारक बनाई। करीब दो साल बाद स्थानीय पुलिस ने सिंह के पिता को स्मारक हटाने को कहा और इसके लिए 15 दिनों का वक्त दिया। 15 दिन बार दोबारा से आई पुलिस ने शहीद के पिता को गिरफ्तार कर लिया और उनकी कथित तौर पर पिटाई की।
बता दें कि सिंह के 2 बेटे भारतीय फौज में हैं। मामले पर उनके एक अन्य फौजी बेटे ने कहा कि डीएसपी मैम ने दौरा किया था और हमें 15 दिनों के भीतर स्मारक हटाने के लिए कहा था। बाद में थाना प्रभारी हमारे घर आए और मेरे पिता को गिरफ्तार कर लिया और मारपीट भी की। मैं भी एक सशस्त्र बल का जवान हूं।
अब इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है। उनका कहना है कि नेताओं के लिए बड़े-बड़े शहरों में स्मारक बना दिये जाते हैं, तब किसी पुलिस वाले किसी को गिरफ्तार नहीं करते, लेकिन देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले वीर सपूतों के लिए जब उनका परिवार स्मारक बनाता है तो उनके साथ यही पुलिस अपराधी जैसा सलूक करती है। अब इस मामले को लेकर पुलिस भी बयान देने से बचती नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में करीब 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। इस झड़प में कर्नल संतोष बाबू ने भी देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। 4 दशक में पहली बार दोनों देश इस तरह से आमने सामने आए थे। दावा किया जाता है कि इस झड़प में दर्जनों चीनी सैनिक भी मारे गए। हालांकि चीन गलवान हिंसा में मारे गए सैनिकों की संख्या छिपाता रहा। लेकिन पिछले साल फरवरी में, उसने अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत सम्मानित करने का ऐलान किया था।
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