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India News (इंडिया न्यूज), Ghaziabad Mill: गाजियाबाद के मोदीनगर में एक मसाला मिल पर गुरुवार को अचानक की गई छापेमारी में पता चला कि कपड़ों को रंगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले औद्योगिक रंग में हल्दी और मिर्च पाउडर मिलाकर उन्हें चमकीला बनाया जा रहा था।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सिंथेटिक रंग के कई पैकेट मिले हैं। जिन पर केवल औद्योगिक उपयोग के लिए और जहरीला लिखा हुआ है। अशोक गर्ग नामक व्यवसायी की अन्नपूर्णा फ्लोर मिल के परिसर से करीब 200 किलोग्राम हल्दी और 150 किलोग्राम लाल मिर्च पाउडर जब्त किया गया। शुक्रवार देर शाम तक अधिकारियों ने उसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की थी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी मीरा सिंह ने कहा जब हमने मसालों के नमूने हाथ में लिए, तो हमें अपनी उंगलियों के बीच में अतिरिक्त खुरदरापन महसूस हुआ। हम मसालों में खाद्य रंग की अनुमति भी नहीं देते, क्योंकि उनका अपना रंग होता है। सिंथेटिक रंग जो केवल औद्योगिक उपयोग के लिए हैं मिलाना एक गंभीर अपराध है। यह जहरीला हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि अन्नपूर्णा में निर्मित मसाले किसी ब्रांड नाम से नहीं बेचे जाते थे, बल्कि थोक बाजार और सब्जी मंडी में थोक में बेचे जाते थे। उन्होंने बताया कि खुले में बिकने वाले ऐसे मसालों के मुख्य ग्राहक छोटे ढाबे और सड़क किनारे खाने-पीने की दुकानें हैं। गुरुवार को छापेमारी के दौरान कुल 3.5 क्विंटल मसाले जब्त किए गए। सिंह ने बताया कि हल्दी पाउडर 300 रुपये किलो बेचा जा रहा था, जबकि लाल मिर्च 400 रुपये किलो बिक रही थी। मसालों में लाल और पीले सिंथेटिक रंग मिलाए गए थे, ताकि वे चमकीले दिखें और कुल मात्रा भी बढ़े।
अधिकारी ने बताया कि वे सड़क किनारे खाने-पीने की दुकानों और रेस्टोरेंट में जांच कर सकते हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि वे मिलावटी मसाले का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खाने-पीने की दुकानों में रंग मिलाकर मसाले का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि किसी भी व्यंजन को तैयार करने के लिए बहुत कम मात्रा की जरूरत होती है। सिंह के मुताबिक, अब नमूनों को जांच के लिए लखनऊ भेजा जाएगा। अगर मसाले मिलावटी पाए गए, तो मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि गलत ब्रांड और घटिया उत्पादों के मामले में अधिकतम 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
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