संबंधित खबरें
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
'वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा…' जाने बिना नाम लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किस देश की लगा दी क्लास?
(इंडिया न्यूज नई दिल्ली) राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के ब्रेक के बीच अब एक नई सियासत तेज होती दिख रही है। बीते शनिवार को भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली पहुंची है। दिल्ली पहुंचने के बाद यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी साथी कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली स्थित देश के तमाम वरिष्ठ शख्सियतों के समाधि स्थल पहुंचे। इनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं जवाहर लाल नेहरू, बाबू जगजीवन राम, देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी व अन्य प्रतिष्ठित शख्सियतों के समाधि स्थल पर पहुंच श्रद्धा सुमन अर्पित किये। बीते दिन यानी 25 दिसंबर को दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती थी। पीएम नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के प्रमुख नेताओं ने श्रद्धाजंलि अर्पित कर उन्हे याद किया।
दरअसल, इन सबके बीच राहुल गांधी के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल पहुंचने के उपरांत एक नई सियासत की शुरुआत होती नजर आ रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी ने भले ही देश के लिए उनके योगदान से प्रभावित होकर उन्हें याद करने उनके सामाधि स्थल तक पहुंचे लेकिन अब इस तस्वीर के कई अलग- अलग मायने निकाले जा रहें हैं। हम सभी ने देखा कि राहुल गांधी इस पूरे यात्रा के दौरान नफरत को मिटाने की बात कही और इसी उद्देश्य के साथ वह देश के आम जनों से रूबरू होकर संवाद स्थापित करने की कोशिश करते रहे।
आप देखें जो पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व रहा है उन्हें हमेशा से लोग देश में प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देने के रूप में पहचाने जाते रहें हैं, चाहे वह पाकिस्तान के साथ आगे बढ़कर वार्ता कर शांति स्थापित करने की बात हो या फिर देश में राजनीतिक प्रतिद्वदियों के साथ उनका स्नेह का व्यवहार हो। सदन में उनके द्वारा दिए गए कई भाषण आज भी लोगों के जेहन में जिंदा हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल पर जाने से राहुल गांधी और कांग्रेस की ओर से लोगों के बीच में एक बड़ा संदेश तो चला ही गया है कि कैसे उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाजपा के कद्दावर नेता को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि राहुल गांधी ने जिस तरीके से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं, उससे देश के ब्राह्मणों में एक बड़ा संदेश भी गया है। ऐसे में जो वोट बैंक पिछले कुछ सालों से भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देता रहा है उनका कुछ हिस्सा इससे प्रभावित होकर दोबारा से कांग्रेस के साथ आने पर विचार कर सकते हैं।
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्र कहती है कि राहुल गांधी ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत देश को एक नया आयाम देने वाले और आगे बढ़ाने वाली उन तमाम विभूतियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं। सुप्रिया श्रीनेत्र ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राहुल गांधी ने यह संदेश दिया है कि देश को आगे बढ़ाने वाले राजनेताओं और महान विभूतियों को सम्मान करना कांग्रेस पार्टी के संस्कार हैं। इसके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता ने अटल बिहारी वाजपेयी की लाइनों का जिक्र करते हुए कहा, “छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता”, इसीलिए देश के विकास में योगदान देने वाले सभी लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.