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India News (इंडिया न्यूज़), Loksabha Elections 2024, नई दिल्ली: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दलों ने पूरी तरह से कमर कस ली है। एक तरफ जहां गठबंधन INDIA के साथ विपक्षी दल आगे बढ़ रहा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी NDA दलों के साथ अपनी ताकत दिखा रहा है। इसी बीच अब ‘भारत माता’ को लेकर राजनीति तेज होती हुई दिखाई दे रही है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इसे हथियाने के लिए पूरे प्रयास में जुटे हुए हैं। यानि कि दोनों में से जो दल इस पर बाजी मारने में सफल रहा, वह लोकसभा चुनाव 2024 में भारत माता के नाम को खूब भुनाने का प्रयास करेगा।
दरअसल, संसद के मानसून सत्र से ये पूरा मामला शुरू हुआ। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जब संसद में मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा था, “मणिपुर में भारत माता का कत्ल हुआ है।” सुप्रीम कोर्ट से मोदी उपनाम मामले में अयोग्यता पर राहत मिलने पर कांग्रेस नेता लोकसभा पहुंचे। जहां पर वह अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में शामिल हुए। चर्चा के दूसरे दिन जब वह संसद में बोले तो उन्होंने मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा। राहुल गांधी ने इस दौरान कहा, “आप पूरे देश में केरोसिन फेंक रहे हो, फिर चाहे वो मणिपुर हो या फिर हरियाणा… आप पूरे देश में भारत माता की हत्या कर रहे हो।”
कांग्रेस नेता के इस बयान पर भाजपा की ओर से पलटवार किया गया। उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत तमाम नेताओं ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “कांग्रेस अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में भारत माता का नारा लगा रही है, ये एक अच्छा संकेत है।”
जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के आखिरी दिन संसद में भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के इस बयान का जवाब देते हुए कहा, “जब उन्होंने भारत माता की हत्या की बात कही तो विपक्षी सांसदों ने टेबल को थपथपाया।”
जिसके बाद 15 अगस्त पर पीएम मोदी जब लाल किले की प्राचीर से भाषण दे रहे थे, उस समय भी भारत माता का जिक्र किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये अमृत काल हम सभी के लिए कर्तव्य का समय है। ये अमृत काल हम सभी के लिए मां भारती के लिए कुछ करने का काल है।” पीएम मोदी ने अपने 90 मिनट के इस भाषण को खत्म करने के लिए भारत माता की जय के नारे भी लगाए।
बता दें कि कांग्रेस और राहुल गांधी इस बात को बहुत अच्छे से जानते थे कि लाल किले से पीएम मोदी भारत माता को लेकर बयान देंगे और इसे भुनाने की कोशिश भी करेंगे। इसीलिए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले ही एक ट्वीट किया था। इस पोस्ट में राहुल गांधी ने अपने इस लंबे बयान में भारत जोड़ो यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। जिसका टाइटल था- “भारत माता हर भारतीय की आवाज है…”
राहुल गांधी ने अपने इस पोस्ट में यात्रा से जुड़े अनुभव शेयर करने के बाद कहा, “भारत को सुनने के लिए मेरी आवाज, मेरी इच्छाओं और मेरी महत्वकांक्षाओं को चुप होना होगा। भारत किसी अपने से बात करेगा, ये तभी होगा जब वो पूरी तरह से चुप और विनम्र हो। मैं नदी में वो चीज तलाश रहा था जो सिर्फ समुद्र में ही मिल सकती थी।”
इसका मतलब है कि भारत माता को लेकर शुरू हुई इस पूरी बहस ने राजनीति का रूप ले लिया है। साल 2024 तक ये जुबानी जंग जारी रह सकती है। क्योंकि देश के करीब हर वर्ग के लोग भारत माता से भावनात्मक तौर पर जुड़े हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इसे भुनाने के प्रयास में हैं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी इसे भुनाने और हथियाने कामयाब रहती है।
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