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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Pollution increased in Yamuna river: देश भर में दीपावली के बाद अब छठ की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा आदि कई नामों से भी जाना जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में आस्था के साथ खिलवाड़ होता नजर आ रहा है। दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके से कुछ तस्वीरें सामने आ रही हैं।
दिवाली पर हुई आतिशबाजी के बाद से हवा जहरीली हुई और अब छठ पर्व की शुरूआत के साथ यमुना नदी की जहरीले झाग वाली तस्वीरें सामने आ रही है। ये पहली बार नहीं है, जब छठ के मौके पर यमुना नदी की जहरीले झाग वाली तस्वीरें सामने आई हों। यमुना के पानी में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ने के बारें में दिल्ली सरकार कई बार चिंता जता चुकी है, लेकिन अभी तक इस समस्या पर काबू नहीं पाया जा सका है।
देश भर में 4 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाया गया था और जोरदार आतिशबाजी भी हुई जिससे पूरे देश की हवा में प्रदूषण घुल गया है। खासकर राजधानी दिल्ली में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण में गिरावट देखने को मिली है और जल प्रदूषण भी तेजी से फैल गया है। राजधानी दिल्ली के वासियों की दिक्कतें बढ़ती हुई नजर आ रही है। युमना के पानी में अमोनिया के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है।
यमुना नदी में जहरीले झाग के बनने के कुछ महत्तवपूर्ण कारण है जिनमें फैक्ट्रियों, रंगाई उद्योगों, धोबी घाटों और घरों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट के कारण अपशिष्ट जल में फॉस्फेट की मात्रा होना शामिल है। राजधानी में डिटर्जेंट बनाने वाली फैक्ट्रियों का गंदा पानी नाली के जरिए यमुना नदी में पहुंचता है। सीवर के अशोधित पानी में फॉस्फेट और अम्ल की मौजूदगी नदी में झाग बनाने के कारण हैं। यानी अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो यमुना नदी में प्रदूषण औद्योगिक कचरे की वजह से फैलता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक यमुना नदी में जहरीले सफेद झाग की वजह से बीमारियों के फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। सबसे ज्यादा खतरा यमुना के पानी का इस्तेमाल नहाने के लिए करने वाले लोगों को होता है। यमुना नदी में जहरीले झाग देखे जाने के बाद से ही बीमारी फैलने का अनुमान लगाना शुरू हो चुका है। जल में बढ़े प्रदूषण की वजह से यमुना के पानी का इस्तेमाल नहाने के लिए करने वाले लोग इससे संक्रमित हो सकते हैं।
साल 2019 में नवंबर महीने में राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। उस प्रदूषण से यमुना नदी इतनी प्रदूषित हो गई थी और वो गंदगी के नाले की तरह दिखाई पड़ती थी। यमुना में बढ़े प्रदूषण पर एक्शन लेते हुए एनजीटी ने दिल्ली सरकार से इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा था।
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