संबंधित खबरें
अतुल सुभाष सुसाइड केस में हुई मुस्लिम शख्स की एंट्री, निकिता को नहीं इस आदमी को पैसे भेजता था अतुल..खुलासे के बाद पुलिस भी रह गई दंग
PM Modi ने देशवासियों को कुछ इस अंदाज में दी क्रिसमस की शुभकामनाएं, ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से की बातचीत, देखें
Atal Bihari Vajpayee की 100वीं जयंती आज,स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे PM Modi, सदैव अटल पर देंगे श्रद्धांजलि
Manipur को लेकर PM Modi ने उठाया ये बड़ा कदम, सुनकर विपक्ष के कलेजे को मिल गई ठंडक
गंदे कपड़े पहनकर जब शख्स पहुंचा बैंक, बोला मेरा खाता…, अकाउंट में जमा पैसा देख मैनेजर के उड़ गए होश, फिर जो हुआ सुनकर मुंह को आ जाएगा कलेजा
जिस टैंकर से जयपुर में मची तबाही…कैसे बचा उसका ड्राइवर? खुलासे के बाद पुलिस का भी ठनका माथा
अजीत मेंदोला, नई दिल्ली:
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्य्क्ष कन्हैया कुमार के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने को लेकर पेंच आ गये हैं। जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार पार्टी का बड़ा हिस्सा दोनों को शामिल कराने के कतई पक्ष में नहीं है। इसलिये इनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाएं कम हो गई हैं। सूत्रों की माने तो इसके बाद भी प्रशांत और कन्हैया को कांग्रेस में शामिल कराने के लिये लॉबिंग करने वाले अब आम आदमी पार्टी छोड़ चुके मोदी विरोधी चर्चित चेहरों को भी कांग्रेस में शामिल कराने की कोशिश भी कर रहे हैं। इनमें पूर्व आप नेता आशुतोष, आशीष खेतान और कुमार विश्वास की बात की जा रही है। हालांकि अभी अधिकृत रूप से कुछ भी खुल कर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन एक धड़ा इस कोशिश में है कि राहुल गांधी युवाओं की ऐसी टीम बनाये जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खुल कर हमले कर सके। क्योकि राहुल गांधी को लगता है कि उनकी तरह मोदी के खिलाफ पार्टी के नेता कम ही बोलते हैं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सबसे ज्यादा हमला बोलने वाले नवजोत सिंह सिद्दू अब प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कम बोलते हैं। लेकिन सिद्दू ने पंजाब में अमरेन्द्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल आखिर में उन्हें कुर्सी से हटवा कांग्रेस में अपना कद बढ़ा लिया है।
दरअसल राहुल गांधी की टीम भी नहीं चाहती है कि विवादास्पद चेहरों की कांग्रेस में एंट्री हो। सूत्रों का कहना यही वजह है प्रशांत किशोरी की एंट्री को हरी झंडी नहीं मिल पा रही है। पहले माना जा रहा था कि यूपी चुनाव के लिये प्रशांत को मौका दिया जा सकता है। लेकिन प्रदेश के नेता इसके लिये तैयार नहीं हुए। फिर प्रियंका गांधी ने खुद ही चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया। जितेंद्र सिंह की अगुवाई में छानबीन समित्ति का भी गठन कर दिया गया।जहां तक कन्हैया कुमार का सवाल है तो प्रशांत ही उन्हें कांग्रेस में लाने की कोशिश में थे। कन्हैया को लेकर पार्टी में तो विरोध था ही, घटक दल राजद भी पक्ष में नहीं था। लोकसभा चुनाव के समय से ही राजद नेता तेजस्वी यादव कन्हैया के पक्ष में नहीं थे। बेगूसराय सीट पर महागठबंधन का उम्मीदवार अलग से लड़ा था। कन्हैया के साथ एक परेशानी यह भी थी कि यदि कांग्रेस उन्हें पार्टी में शामिल करती तो बीजेपी को बड़ा मुद्दा मिल जाता। कन्हैया का नाम टुकड़े टुकड़े गैंग से जोड़ा जाता रहा है। इसलिये कांग्रेस में उनको शामिल करने को लेकर अंदर खासा विरोध है। कन्हैया ने भी शायद अब कांग्रेस का मोह छोड़ दिया है। अपनी पार्टी सीपीआई में वह बने रहेंगे। जहां तक आप पार्टी छोड़ चुके कुमार विश्वास, आशुतोष ओर आशीष खेतान का सवाल है तीनो नेता अभी खाली हैं। कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा के राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्य बनाये जाने के बाद से माना जा रहा है कि देर सवेर विश्वास कांग्रेस से जुड़ सकते हैं। कांग्रेस के हालात देख वह वेट एंड वाच की रणनीति अपनाए हुए है। आशुतोष बीजेपी की जिस तरह खिलाफत करते हैं उससे उन्हें भी कांग्रेस का करीबी माना जाता है। पर परेशानी एक ही है कांग्रेस में युवा टीम भी इन नेताओं के पक्ष में नही है। जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद ही कांग्रेस में बदलाव देखने को मिलेगा। पार्टी अभी मौजूदा स्थिति को अभी बनाये रखेगी। पार्टी की तरफ से सभी राज्यों में अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की अगुवाई में चुनाव लड़ा जायेगा। उत्तराखण्ड में हरीश रावत चेहरा बनाये गए है, लेकिन उन्हें पंजाब में उलझा रखा है। बाकी राज्यो में कुछ भी साफ नही है।
Must Read:- मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का जन आंदोलन
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.