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राहुल गांधी की दुविधा हुई खत्म! क्या अब वायनाड सीट से प्रियंका लड़ेंगी चुनाव?

Rajesh kumar • LAST UPDATED : June 13, 2024, 3:46 pm IST
राहुल गांधी की दुविधा हुई खत्म! क्या अब वायनाड सीट से प्रियंका लड़ेंगी चुनाव?

priyanka gandhi Rahul Gandhi

India News(इंडिया न्यूज),Wayanad Lok Sabha Seat: क्या राहुल गांधी की दुविधा खत्म हो गई है? इसका जिक्र उन्होंने खुद वायनाड में किया था। आम लोगों का शुक्रिया अदा करने पहुंचे राहुल ने वायनाड में कहा था कि वह इस दुविधा में हैं कि वह किस सीट से सांसद बने रहें। इस बार वह केरल के वायनाड के साथ-साथ यूपी की रायबरेली सीट से भी चुने गए हैं। वायनाड में राहुल गांधी ने कहा, ‘इसका जवाब सबको पता है, सिवाय मेरे।’

राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड में से किसी एक सीट को चुनने को लेकर दुविधा में हैं। जब वह मुश्किल में थे, तब वायनाड की जनता ने उनका साथ दिया था। पिछले लोकसभा चुनाव में वह अमेठी से हार गए थे। इस हार ने राहुल गांधी का मनोबल तोड़ दिया था। वायनाड की रैली में ही उन्होंने इशारों-इशारों में अपने दिल की बात कह दी थी। उन्होंने कहा, ‘आप लोगों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार किया। मैं आपका प्यार जिंदगी भर याद रखूंगा।’

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राहुल गांधी का यह बयान वायनाड को अलविदा कहने के संकेत दे रहा है। ऐसा लग रहा है कि वह रायबरेली से ही सांसद बने रहना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि उनकी मां सोनिया गांधी भी यही चाहती हैं, जो कई बार यहां से सांसद रह चुकी हैं। उन्होंने रायबरेली के लोगों से यहां तक ​​कहा था कि अब राहुल आपके हाथ में हैं।

दक्षिण और उत्तर भारत के बीच संतुलन कायम

माना जा रहा है कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ देंगे। उनके इस्तीफे के बाद इस लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा। सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ सकती हैं। अगर वह चुनाव जीत जाती हैं तो वायनाड के साथ-साथ रायबरेली का प्रतिनिधित्व भी गांधी नेहरू परिवार के पास रहेगा। दक्षिण और उत्तर भारत के बीच संतुलन भी कायम रह सकता है। कांग्रेस ने केरल में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस बार यूपी में भी पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर अच्छा प्रदर्शन किया है।

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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी यह तर्क देती रही कि परिवार के तीन सदस्यों का संसद जाना ठीक नहीं है क्योंकि इससे भाजपा को भाई-भतीजावाद के बहाने कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिलेगा, लेकिन भारत गठबंधन के अच्छे प्रदर्शन के बाद सोच बदलने लगी है। गांधी नेहरू परिवार के करीबी एक नेता का कहना है कि इस बार भाई-भतीजावाद का मुद्दा काम नहीं आया, इसलिए प्रियंका गांधी का सोनिया और राहुल के साथ संसद में आने से कोई फर्क नहीं पड़ता। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि अखिलेश यादव के परिवार के पांच सदस्य लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। जनता जिसे चाहती है, उसे चुनती है। इसका भाई-भतीजावाद से क्या लेना-देना है।

प्रियंका चुनाव लड़ने से बचती रहीं

उन्होंने कहा कि राहुल के रायबरेली से सांसद बने रहने से पार्टी और कार्यकर्ताओं को मजबूती मिलेगी। प्रियंका गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में सक्रिय राजनीति में आईं। उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया, लेकिन अब तक वह चुनाव लड़ने से बचती रही हैं। इस लोकसभा चुनाव में उनके रायबरेली या अमेठी से चुनाव लड़ने की खूब चर्चा रही, लेकिन वह पार्टी की स्टार प्रचारक रहीं।

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