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Azam Khan: क्या आजम खान की सदस्यता होगी बहाल? मामले में है बड़ी कानूनी अड़चन

India News (इंडिया न्यूज़), Azam Khan, लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में रामपुर की एक अदालत द्वारा बरी कर दिया गया। इसी केस में पिछले साल उन्हें यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब आए फैसले के कारण संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है। दिसंबर में रामपुर सदर सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के आकाश सक्सेना ने सपा के असीम राजा को हराया।

  • आजम सुप्रीम कोर्ट जा सकते है
  • यह अपनी तरफ का पहला मामला
  • उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार की जीत

इस साल फरवरी में, आज़म के बेटे अब्दुल्ला आज़म ने अपने पिता के साथ एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद स्वार विधानसभा सीट को छोड़ दिया। इसी महीने हुए स्वार उपचुनाव में भाजपा समर्थित अपना दल (एस) के उम्मीदवार शफीक अंसारी ने सपा की अनुराधा चौहान को हराया था।

दूसरे मामले मे भी सजा

कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि आज़म को एक मामले में बरी कर दिया गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट उनकी विधायकी बहाल करेगा इसकी संभावना काफी कम है क्योंकि एक अन्य मामले में आजम को दो साल की सजा हुई है। आजम और उनके बेटे के खिलाफ उस मामले में 15 साल पहले मुरादाबाद में ट्रैफिक जाम करना का मामला चल रहा है।

यह पहला मामला

यह अपने आप में इस तरह का पहला मामला है जब किसी मामले में सजा होने के बाद किसी विधायक या सांसदी की सदस्यता गई हो और वह उस केस में छुट गया हो। कानून के जानकार मानते है की इस तरह के किसी भी केस से निपटने के लिए भविष्य में जनप्रतिनिधी अधिनियम में संशोधन करना चाहिए। आजम की सदस्यता 10 जुलाई, 2013 के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार गई है। फैसले में कहा गया था कि किसी जनप्रतिनिधी को दो साल या उससे अधिक जेल की सजा सुनाई गई, वह खुद सदन ने अयोग्य हो जाएगा।

क्या है मामला

पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन डीएम अंजनेय कुमार सिंह के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के दोषी पाए जाने के बाद पूर्व सपा विधायक को 27 अक्टूबर, 2022 को एक सांसद / विधायक अदालत ने तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। आजम को आईपीसी और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत दोषी ठहराया गया था। 2017 में यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद आजम पर भ्रष्टाचार और चोरी से लेकर ज़मीन हड़पने तक के लगभग 100 मामले दर्ज हैं। उन्हें 2020 में गिरफ्तार किया गया था और 27 महीने वह जेल में रहे थे।

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Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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