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India News, (इंडिया न्यूज), Protests In Ladakh: जम्मू-कश्मीर से अलग होकर बने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पर एक बार फिर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। कल यानि शनिवार को हजारों लोगों ने छठी अनुसूची के तहत केंद्र शासित प्रदेश के लिए राज्य का दर्जा और संवैधानिक संरक्षण की मांग को लेकर मार्च निकाला। इसके अलावा इसके लिए पूरा लद्दाख बंद रहा। बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
इस साथ ही आपको बता दें कि लेह में कड़ाके की ठंड हो रही है। वहीं इसके बावजूद यहां बड़ी संख्या में महिलाएं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। उन्होंने लद्दाख को राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने और लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग संसदीय सीटों की मांग करते हुए नारें लगाए।
गौरतलब है कि इससे पहले भी लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। हालांकि, इससे पहले केंद्र ने घोषणा की है कि लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के प्रतिनिधियों के साथ दूसरे दौर की बातचीत होगी। इसके बावजूद लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और इलाके में हड़ताल की। केंद्र ने पहले ही लद्दाख के लोगों की मांगों पर विचार करने के लिए राज्य मंत्री (गृह) नित्यानंद राय की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए लद्दाख के लोगों ने कहा कि वे केंद्र शासित प्रदेश में नौकरशाहों के अंतहीन शासन के तहत नहीं रह सकते। वे केवल पूर्ण राज्य का दर्जा चाहते हैं, जिसमें वे शासन के लिए अपने जन प्रतिनिधियों का चुनाव कर सकें। इसके लिए प्रदर्शन में शामिल लोगों ने क्षेत्र में कम से कम दो लोकसभा सीटें तय करने की भी मांग की है।
बताते चले कि पिछले साल दिसंबर 2023 में केंद्र सरकार ने लद्दाख में पहली बैठक की थी और लेह और कारगिल दोनों निकायों से अपनी मांगें लिखित में देने को कहा था. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था. लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।
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