संबंधित खबरें
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
'वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा…' जाने बिना नाम लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किस देश की लगा दी क्लास?
India News (इंडिया न्यूज), Pune Porsche Case : पुणे में नाबालिग लड़के की पोर्श कार से 19 मई को भीषण हादसा हो गया था। इस हादसे में दो इंजीनियर्स की मौत हो गई थी। जिनमें से एक लड़की अश्विनी कोष्टा थी और एक लड़का अनीश अवधिया। हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने इस केस में बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी नाबालिग लड़के तो रिहा करने का आदेश दिया है। इस फैसले ने मृतक बच्चों के परिवारों को तोड़कर रख दिया है। हाल ही में बेटी अश्विनी कोष्टा की मां ने कोर्ट के फैसले पर रिएक्शन देते हुए दर्द जाहिर किया है।
कोर्ट ने 17 साल के आरोपी को संप्रेक्षण गृह से रिहा करने का आदेश दिया है और इस फैसले को सुनकर अश्विनी कोष्टा का परिवार स्तब्ध रह गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक अश्विनी के की मां ममता कोष्टा ने कहा कि वो खबर देखकर हैरान रह गईं लेकिन उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने न्यायाधीशों से बेटी को खोने वाली एक मां के दर्द को समझने का अनुरोध किया है। उन्होंने आगे कहा कि ‘वहां कई लड़कियां रहती हैं और इस तरह के हादसे दोबारा ना हों इसलिए अपराध करने वालों को सबक सिखाना बेहद जरूरी है’। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भरोसा जाहिर करते हुए कहा है कि उन्हें न्याय का आश्वासन मिला है।
Pune Porsche Case में Bombay High Court का बड़ा आदेश, रिहा होगा नाबालिग आरोपी
बता दें कि पुणे पोर्श एक्सिडेंट केस में न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मजूषा देशपांडे की पीठ ने कहा कि ‘हम कानून, ‘किशोर न्याय अधिनियम’ के लक्ष्यों और उद्देश्यों से बंधे हैं। पीठ ने ‘अपराध की गंभीरता’ को मानते हुए ये भी कहा था कि ‘किसी भी बच्चे को वयस्क से अलग मानते हुए कार्रवाई करनी चाहिए’। अदालत ने आरोपी नाबालिग को पर्यवेक्षण गृह में भेजने के किशोर न्याय बोर्ड के आदेश को अवैध करार दिया था और उसे रिहा करने का आदेश जारी किया था।
पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में नया मोड़, कोर्ट ने आरोपी किशोर के पिता को दी जमानत
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.