दिनेश मौदगिल, इंडिया न्यूज, लुधियाना:
Punjab Congress Leaders On Party Status In State पंजाब विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले राज्य मे सबसे मजबूत मानी जा रही कांग्रेस के हालात चुनावों के परिणामों ने दिखा दिए हैं। इसका मुख्य कारण आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और कांग्रेस में जमकर चली गुटबाजी है। इसके कारण पंजाब में कांग्रेस पार्टी को बेहद बुरी हार का सामना करना पड़ा है।
हार के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress interim president Sonia Gandhi) ने अन्य 4 राज्यों के प्रधानों सहित पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू से इस्तीफा मांग लिया। सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद अब तक पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कोई प्रधान नियुक्त नहीं किया गया और न ही विपक्ष का नेता लगाया गया। इसको लेकर पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने हाई कमान से यह दोनों नियुक्तियां जल्द की जाने की अपील की है।
पंजाब कांग्रेस सेवा दल की उप प्रधान बिंदिया मदान (Congress Seva Dal’s Deputy President Bindiya Madan) और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दीपक हंस (congress leader deepak hans) ने कहा कि ऐसी स्थिति में कांग्रेस हाईकमान को अब पंजाब में एक एसा मजबूत प्रधान नियुक्त करना चाहिए जो पंजाब की कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को खत्म करके कांग्रेस को वार्ड स्तर तक मजबूत कर सके और कार्यकतार्ओं के बीच रहकर कार्यकतार्ओं को उत्साहित कर सके। उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा एक दूसरे पर की गई बयानबाजी से कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ है। इसी के चलते कांग्रेस को ऐसी बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता परमिंदर मेहता ने कांग्रेस हाईकमान को एक पत्र लिखकर मांग की है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रधान और विपक्ष का नेता जल्द से जल्द नियुक्त किया जाए। मेहता ने कहा कि 1 अप्रैल को विधानसभा में स्पीकर द्वारा विपक्ष का नेता पूछे जाने पर कांग्रेस पार्टी की काफी किरकिरी हुई है।
कांग्रेस पार्टी में जहां जमकर गुटबाजी दिखाई दे रही है, वही कांग्रेस के पंजाब के सांसदों का बार-बार बीजेपी के मंत्रियों के संपर्क में आना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। चुनावों से पहले पंजाब के कई पंजाब से सांसद विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से मिलते रहे हैं। वही पंजाब कांग्रेस की नियुक्ति से पहले सोमवार को सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात के बाद पंजाब की राजनीति में कई तरह की नई चचार्ओं ने जन्म ले लिया है। हालांकि बिट्टू इसे पंजाब के मुद्दों को लेकर की गई मुलाकात बता रहे हैं।
इसी तरह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद राजनीति में सक्रिय हो गए हैं और विभिन्न गतिविधियां करते दिखाई दे रहे हैं । जहां उन्होंने अमृतसर में महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया , वहीं उनकी पार्टी के कुछ विधायकों और पूर्व विधायकों के साथ हो रही मीटिंगें चर्चा का विषय बना हुआ है।
राजनीति से जुड़े लोगों का कहना है कि इस समय कांग्रेस पार्टी ने जल्द ही प्रदेश प्रधान पर विपक्ष के नेता की नियुक्ति करनी है। ऐसे हालातों में कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियां कहीं कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बनाने के लिए तो नहीं की जा रही। मगर फिर भी कांग्रेस हाईकमान जल्द ही इन दोनों नियुक्तियों को घोषित कर देगा।
कांग्रेस हाईकमान जल्द ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए प्रधान की घोषणा कर देगा। जिनमें सांसद संतोष चौधरी, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और पूर्व डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा के नाम प्रमुख तौर पर चल रहे हैं , जबकि विपक्ष के नेता के लिए प्रताप सिंह बाजवा , सुखविंदर सिंह रंधावा और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम चर्चा में चल रहे हैं।
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